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गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर दें विश्वविद्यालय : टंडन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 22 2019 5:47PM | Updated Date: Aug 22 2019 5:47PM
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भोपाल। मध्यप्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति लालजी टंडन ने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और परिसर की उत्कृष्टता को प्राथमिकता दें। देश के भविष्य के निर्माण की जिम्मेदारी विश्वविद्यालयों की है। राज्यपाल श्री टंडन ने आज यहां राजभवन में शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से चर्चा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और परिसर की उत्कृष्टता को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए समय-सीमा तय कर रिक्त पदों की पूर्ति, स्वच्छ और हरा-भरा परिसर विकसित करने, समृद्ध पुस्तकालय और आधुनिक प्रयोगशालाओं की व्यवस्था की जायें। उन्होंने कुलपतियों से कहा कि विश्वविद्यालयों की कार्य संस्कृति परिणाम मूलक होनी चाहिए।
 
संसाधनों का अभाव बताकर परिणाम नहीं देने की प्रवृत्ति को बदलें। उन्होंने कहा कि नये वक्त के साथ बदलाव करते हुए आगे बढ़ने वालों के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नैक और रूसा की ग्रेडिंग, नई परियोजनाओं और केन्द्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से विश्वविद्यालय को भरपूर संसाधन उपलब्ध हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस समय विश्वविद्यालयों को प्रगतिशील और सकारात्मक सोच के साथ कार्य करने की जरूरत है।
 
विश्वविद्यालयों को अपने वित्तीय स्त्रोतों का नियोजन इस तरह से करना चाहिए कि स्वयं के साधनों से 50 प्रतिशत और शेष 25-25 प्रतिशत सरकार और अन्य मदों से अर्जित हो। जिस विश्वविद्यालय की उच्च गुणवत्ता वाले शोध और रोजगार परक शिक्षा होगी, उसके सामने कभी भी संसाधनों की कमी नहीं होगी। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर और प्रबंधन से जुड़ी अनेक छोटी-छोटी बातें गुणवत्ता निर्धारण की नैक ग्रेडिंग में बड़ा गहरा प्रभाव रखती हैं।
 
आवश्यक है कि सभी विश्वविद्यालय अपने परिसर की स्वच्छता, प्रयोगशाला और पुस्तकालय की समृद्धता, जल एवं ऊर्जा संरक्षण और स्वावलंबन कार्यों पर विशेष ध्यान दें। आश्रित मानसिकता वाले दृष्टिकोण का अब कोई भविष्य नहीं है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रबंधन राष्ट्र सेवा का माध्यम है। देश के भविष्य के निर्माण की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय की है।
 
आज की शिक्षा भावी पीढ़ी के भविष्य का आधार है। विश्वविद्यालय की उच्च ग्रेडिंग उत्कृष्ट परिसर, शोध की उपलब्धियाँ, राष्ट्रसेवा के पदक के समान है। उन्होंने नैक संचालकों, रूसा विशेषज्ञों, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के प्रतिनिधियों के साथ विश्वविद्यालयों की संयुक्त गोष्ठियाँ आयोजित करने के लिये कहा।
 
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