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वंजारा ने 101 करोड़ की मानहानि का दावा ठोंका

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 6 2015 9:20PM | Updated Date: Jul 6 2015 9:20PM
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अहमदाबाद। सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा ने मुफ्ती अब्दुल कयूम मंसूरी के खिलाफ मानहानि मामला दायर करके 101 करोड़ रुपए का मुआवजा मांगा है। मंसूरी को वर्ष 2002 के अक्षरधाम मंदिर हमला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपमुक्त करार दिया था। वंजारा का आरोप है कि हाल में प्रकाशित मंसूरी की आत्मकथा से उनकी मानहानि हुई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जेवी पांड्या ने मंसूरी और पांच अन्य को नोटिस भेजकर 31 जुलाई को अगली तारीख तय की। वंजारा द्वारा बनाए गए अन्य प्रतिवादी महाराष्ट्र का जमीयत ए उलेमा, अहमदाबाद का जमीयत ए उलेमा, अहमदाबाद का मदरसा तरबीयतुल अतफाल, रसूलभाई मूनलाइट और मौलवी निजामुददीन हैं। वंजारा इशरत जहां और सोहराबुददीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामलों में मुख्य आरोपी हैं और फिलहाल जमानत पर रिहा हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मंसूरी की किताब ‘11 साल सलाखों के पीछे’ से उनकी मानहानि हुई है।


वंजारा ने अपनी याचिका में कहा कि निचली अदालत ने मंसूरी को दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी जिसे गुजरात हाई कोर्ट ने सही ठहराया था इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि जांच द्वेषपूर्ण मंशा से की गई। याचिका में कहा गया, मंसूरी की किताब आतंकवाद के खिलाफ लड़ने वाले अन्य देशभक्त पुलिस अधिकारियों के खिलाफ बड़ी साजिश का हिस्सा है। यह मुझे परेशान करने का प्रयास है। इस पुस्तक में ऐसी कहानी हैं जो पूरी तरह से झूठी, बेबुनियाद, राष्ट्रविरोधी और मानहानि करने की प्रकृति वाली हैं।

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