रायपुर। छत्तीसगढ़ में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए स्कूलों में मध्यान्ह भोजन में अंडा देने के निर्णय के तमाम सामाजिक संगठनों के विरोध के चलते राज्य सरकार ने बीच का रास्ता निकालते हुए शाकाहारी बच्चों को अंडे की जगह दूसरे प्रोटीनयुक्त पदार्थ देने का निर्णय लिया है। मध्यान्ह भोजन में अंडे दिए जाने का राज्य में काफी प्रभावी कबीरपंथ के धर्मगुरूओं एवं पंथ के अनुयायियों,सतनामी समाज,जैन समाज सहित कुछ संगठनों ने विरोध किया है और इसके खिलाफ कई जगह धरना प्रदर्शन आदि भी हुए है।
कल ही विधानसभा में इस बारे में तमाम सदस्यों ने आपत्ति दर्ज करवाई थी। सत्ता पक्ष के सदस्य हालांकि सदन के भीतर एवं बाहर भी इसके पीछे मुख्य विपक्षी दल भाजपा का हाथ होने का आरोप लगाते रहे है। राज्य सरकार द्वारा पूर्व में कई मामलों में कदम वापस खींच लेने की बजाय इस मसले पर बीच का रास्ता निकालते हुए आज नए आदेश जारी कर विरोध को शान्त करने का प्रयास किया गया है। पिछले दिनों आदिवासी विधायकों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर सरकार के इस निर्णय के प्रति आभार जताया था, उससे लगता था कि सरकार कदम पीछे नही खींचेगी लेकिन कांग्रेस के भी कई नेताओं की असहमति के बाद नया रास्ता निकाला गया।