भोपाल। प्री मेडिकल टेस्ट घोटाला 2012 मामले में आरोपित पंकज कुमार वर्मा की जमानत अर्जी को आज यहां केन्द्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत ने खारिज कर दिया। आरोपित पिछले डेढ़ वर्ष से फरार था और पटना मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक के पद पर पदस्थ था। विशेष न्यायाधीश अजय श्रीवास्तव ने आरोपित के अपराध को गंभीर प्रकृति का मानते हुए उसे जमानत देने से इंकार कर दिया। इससे से पूर्व आरोपित की ओर से तर्क दिया गया था कि उसने सीबीआई की जांच के दौरान पूरा सहयोग किया है और वह मझगवां शरीफ बाराबंकी, फतेहपुर उत्तरप्रदेश का मूल निवासी है। इसलिए उसके फरार होने की संभावना नहीं है। पिछले डेढ़ वर्ष से आरोपित के फरार होने के संबंध में कहा कि उसे प्रकरण की जानकारी ही नहीं थी।
इसके विपरीत सीबीआई के वकील सतीश दिनकर ने कहा कि आरोपित ने पीएमटी परीक्षा 2012 में स्कोरर की भूमिका निभाई है और आरोपित अभ्यर्थी रिंकी जौहरी को इंदौर में हुई परीक्षा में नकल कराई थी। आरोपित ने यह काम दलाल जगदीश सागर के माध्यम से किया था जिसके लिए मोटी रकम ऐंठी गई थी। आरोपित वर्मा जानबूझकर गिरफ्तारी से बचता आ रहा था इसके लिए उसने अपने निवास स्थान के पते भी गलत बताए थे। यदि आरोपित को जमानत का लाभ दिया गया तो वह पुन: फरार हो सकता है। अदालत ने सीबीआई की ओर से पेश तर्कों से सहमत होते हुए जमानत अर्जी खारिज की है।