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Sport

दृष्टिबाधित कंचनमाला पांडे ने रचा इतिहास

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 9 2017 1:07PM | Updated Date: Dec 9 2017 1:07PM
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नई दिल्ली। मैक्सिको में चल रही विश्व पैरा तैराकी चैम्पियनशिप में भारत की कंचनमाला पांडे ने 200 मेडली तैराकी प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचते हुए भारत का नाम रोशन किया है। पदक जीतकर कंचनमाला यह कीर्तिमान रचने वाली पहली भारतीय महिला तैराक बन गई हैं। महाराष्ट्र के नागपुर में रहने वाली कंचनमाला पांडे दृष्टिबाधित है। कंचनमाला ने कड़ी मेहनत की थी और उन्हें उम्मीद थी के वो इस चैम्पियनशिप में पदक जीतेंगी, लेकिन उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि वह स्वर्ण पदक जीत जाएंगी। कंचनमाला ने 200 मीटर मेडली में स्वर्ण तो जीता लेकिन ब्रेस्टस्ट्रोक और बैकस्ट्रोक वर्ग में 100 मीटर में पांचवे स्थान पर रहीं। 26 वर्षीय कंचनमाला रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में काम करती है।
 
अफसरों ने नहीं की मदद, तो पैसे उधार लेकर की ट्रेनिंग
कंचनमाला ने इस साल बर्लिन में आईडीएम पैरा तैराकी चैम्पियनशिप में भारत के लिए रजत पदक जीत कर विश्व चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई किया था, लेकिन भारत की पैरालिंपिक कमेटी और भारतीय खेल प्राधिकरण ने उन्हें ट्रेनिंग के लिए पैसे नहीं दिए थे जिसके करण उन्हें भारत के बाहर पैसे उधार लेकर तैराकी करनी पड़ी थी। कंचनमाला के साथ गए अधिकारियों ने भी उनकी कोई मदद नहीं की थी। इतना ही नहीं कंचन को बिना टिकट यात्रा करने के लिए हर्जाना भी भरना पड़ा था। कंचनमाला के कोच उन्हें टिकट देना भूल गए थे, जिसके चलते उन्हें हर्जाना भरना पड़ा।
 
मैंने विश्व चैम्पियनशिप के लिए अच्छी तैयारी की थी और मुझे अच्छे प्रदर्शन और मेडल की उम्मीद थी, लेकिन उच्च श्रेणी हासिल करना और स्वर्ण पदक जीतना आश्चर्यजनक है। अपने प्रदर्शन से मैं बेहद खुश हूं। 
- कंचनमाला पांडे
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