क्रैमलिन/लंदन। खेल मामलों की सबसे बड़ी अदालत खेल पंचाट (कैस) के निर्णय से निराश रूस ने अपने एथलीटों पर रियो ओलिंपिक में प्रतिबंध बरकरार रखने के निर्णय के खिलाफ आगे कानूनी लड़ाई नहीं लड़ने के संकेत दिए हैं। क्रैमलिन की ओर से शुक्रवार को जारी हुए बयान में कहा गया है कि रूस के एथलीटों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए अब सरकार के पास अधिक समय नहीं बचा है क्योंकि खेल पंचाट का निर्णय ओलिंपिक खेलों से मात्र कुछ ही दिन पहले आया है। क्रैमलिन के प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव ने कहा कि निश्चित तौर पर खेल अदालत का निर्णय बहुत बुरा और निराश करने वाला है। हमें दुख इस बात का है कि यह निर्णय ओलिंपिक से चंद दिन पहले आया है और हमारे पास अपनी कानूनी लड़ाई को जारी रखने का समय ही नहीं बचा है जिससे हम अपने खिलाड़ियों के अधिकारों की रक्षा कर सकें।
दोबारा जांच में 45 और पॉजीटिव मामले-आईओसी
अंतरराष्ट्रीय ओलिंपक समिति ने कहा कि पिछले दो ओलिंपिक के नमूनों की दोबारा जांच में बीजिंग ओलिंपिक 2008 के 23 पदक विजेताओं समेत 45 और खिलाड़ी पॉजीटिव पाए गए हैं। बीजिंग और लंदन ओलिंपिक 2012 के नमूनों की दोबारा जांच मेें नाकाम रहे खिलाड़ियों की संख्या अब बढ़कर 98 हो गई है। आईओसी ने किसी नाम का खुलासा नहीं किया है। आईओसी डोपिंग नमूने 10 साल तक सुरक्षित रखती है ताकि नई तकनीक उपलब्ध होने पर उनकी फिर से जांच की जा सके।