नई दिल्ली। सरकार ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में पहले की तुलना में अधिक पदक जीतने की उम्मीद जताते हुए कहा कि भारतीय खिलाड़यिों की सुविधा एवं देसी खानपान के लिए सरकार जापान में इंडिया सेंटर खोलेगी तथा देश में भी खिलाड़यिो के पौष्टिक आहार का पूरा इंतजाम करेगी। खेल एवं युवा मामलों के मंत्री किरन रिजिजू ने अपने मंत्रालय से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए यह बात कही। सदन ने अनुदान मांगों को ध्वनिमत से पारित कर दिया। रिजीजू ने कहा कि अगले साल जापान में ओलंपिक खेल होने वाले हैं। किसी भी देश के लिए विश्व में खेलों के मामले में पायदान महत्वपूर्ण होती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन में खिलाड़यिों से मिलने एवं उनके उत्साहवर्द्धन के लिए विशेष स्थान है।
उन्होंने कहा कि 2020 ओलंपिक के एक साल पहले ही भारत अपने खिलाड़यिों को अभ्यास के लिए जापान भेज देगा और वहां एक इंडिया सेंटर स्थापित करेगा जहां खिलाड़यिों की सुविधा के साथ साथ उन्हें भारतीय भोजन देने की भी व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि वे पदकों की संख्या के बारे में कुछ भविष्यवाणी नहीं करेंगे लेकिन इतना जरूर कह सकते हैं कि पहले के सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे। खेल मंत्री ने देश में भी खिलाड़यिों के प्रशिक्षण का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि एथलेटिक्स, कुश्ती आदि शारीरिक दमखम वाले खिलाड़यिों को पौष्टिक आहार के लिए सीमाओं को हटाया जाएगा और अब हर खिलाड़ी को उसकी क्षमता के हिसाब से खाने पीने की छूट होगी और पूरा व्यय सरकार उठायेगी।
रिजीजू ने कहा कि देश में खेलो इंडिया कार्यक्रम में 4000 प्रतिभाओं का चयन किया गया है और उनका प्रशिक्षण भी आरंभ हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस साल 29 अगस्त को मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन पर बड़ा कार्यक्रम करेगी। रिजीजू ने कहा कि खेल राज्यों का विषय होता है और केन्द्र सरकार धन की कमी होने पर उसकी पूर्ति केन्द्र करता है। केन्द्र के पास पैसे की कोई कमी नहीं है। उन्होंने सांसदों को सुझाव दिया कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में खेल सुविधाओं के लिए केन्द्र से सीधे मांग करने की बजाय राज्यों की सरकारों से बात करके प्रस्ताव दें। उन्होंने कहा कि वह अगले एक माह के भीतर कारपोरेट जगत के लोगों से मिलेंगे और उनको खेलों से जोड़ कर खिलाड़यिों एवं खेल संस्थाओं को पैसे की कमी नहीं आने देंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय खेल प्राधिकरण के 282 केन्द्रों एवं उपकेन्द्रों को भारतीय सेना और केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों के साथ तालमेल करके वैसी ही खेल संस्कृति विकसित की जाएगी ताकि विश्व स्तरीय खिलाड़ी उत्पन्न किये जा सकें।