पर्थ। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने मंगलवार को आॅस्ट्रेलिया से दूसरा टेस्ट हारने पर निराशा जताई लेकिन पर्थ की तेज पिच पर स्पिनर विकल्प नहीं चुनने के अपने फैसले का बचाव किया। भारत को आॅस्ट्रेलिया के हाथों पर्थ टेस्ट में 146 रन से मंगलवार को हार झेलनी पड़ी जिससे चार टेस्टों की सीरीज में अब दोनों टीमें 1-1 से बराबरी पर आ गयी हैं। भारतीय टीम को 287 रन का लक्ष्य मिला था जिसके जवाब में वह 140 रन पर ढेर हो गई तथा पांचवें और अंतिम दिन का खेल आॅस्ट्रेलिया ने 40 मिनट में समाप्त कर जीत अपने नाम कर ली।
पर्थ की पिच को सबसे तेज और उछाल वाला माना जा रहा था तेज गेंदबाजों के लिए मददगार थी लेकिन इस पिच पर आॅस्ट्रेलिया के आॅफ स्पिनर नाथन लियोन सबसे सफल रहे और आठ विकेट निकाल मैन आॅफ द मैच बने। वहीं भारतीय टीम के अनुभवी आॅफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन चोटिल होने के कारण मैच में नहीं खेले। लेकिन उनकी जगह लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा को भी विराट ने मौका नहीं दिया जो फैसला टीम को भारी पड़ा।
हालांकि मैच हारने के बाद विराट ने स्पिन विकल्प नहीं रखने के अपने फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा - जब हमने पिच को देखा तो हमें नहीं लगा कि इस पिच पर जडेजा को खेलाया जाना चाहिये। हमने कभी भी स्पिन विकल्प रखने के बारे में नहीं सोचा था। हमें लगा कि इस पिच पर चार तेज गेंदबाजों को खेलाना काफी होगा। लेकिन नाथन लियोन ने अपनी टीम के लिये काफी अच्छी गेंदबाजी की।