केलिनिनग्राद। वर्ष 2010 का चैंपियन स्पेन फीफा विश्व कप फुटबॉल टूर्नामेंट में सोमवार को जब मोरक्को के खिलाफ ग्रुप बी मुकाबले में उतरेगा तो उसका एकमात्र लक्ष्य बड़े अंतर से जीत हासिल करना होगा। बड़े लक्ष्य के लिए स्पेन की उम्मीदें उसके नए हीरो बन चुके डिएगो कोस्टा पर टिकी रहेंगी। स्पेन को सिर्फ ड्रा खेलने से भी अगले दौर में प्रवेश मिल सकता है, लेकिन बड़ी जीत उसे ग्रुप में टॉप पर पहुंचा सकती है।
स्पेन को अपनी जीत के साथ यह भी देखना है कि इसी दिन ईरान के साथ होने वाले मुकाबले में यूरोपियन चैंपियन पुर्तगाल का प्रदर्शन कैसा रहता है। यदि दोनों यूरोपीय टीमें एक बराबर स्कोर लाइन पर रहती हैं तो ग्रुप की शीर्ष टीम का फैसला अनुशासन के आधार पर होगा।
स्पेन को अब तक एक येलो कार्ड मिला है जबकि पुर्तगाल के हिस्से में दो येलो कार्ड आ चुके हैं।
ईरान यदि पुर्तगाल को चौंका देता है तो वह अगले दौर में पहुंच जाएगा। कोस्टा अब तक स्पेन के चार गोलों में से तीन गोल कर चुके हैं और स्पेन की उम्मीदें एक बार फिर कोस्टा पर टिकी रहेंगी। ब्राजील में जन्मे कोस्टा 2014 के विश्व कप में फ्लॉप रहे थे और दो मैचों में गोल पर एक भी शॉट नहीं ले पाए थे। चैंपियन स्पेन को उस विश्व कप में पहले दौर में ही बाहर होना पड़ा था।
कोस्टा को यूरो 2016 की टीम से बाहर रखा गया था और विश्व कप में चुने जाना स्पेन में लगातार बहस का विषय बना रहा था, लेकिन कोस्टा ने इस विश्व कप में खुद को साबित कर दिखाया है। पुर्तगाल के खिलाफ 3-3 के ड्रा में उन्होंने दो गोल दागकर अपने कौशल का नमूना पेश किया था।
मोरक्को की टीम ईरान और पुर्तगाल से 0-1 के समान अंतर से हारकर विश्व कप से बाहर हो चुकी है लेकिन आखिरी मैच में वह बेहतर प्रदर्शन से सम्मान के साथ विश्व कप को अलविदा कहना चाहेगी। अभी फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि ग्रुप जीतने के बाद स्पेन को अंतिम 16 का नॉकआॅउट मैच आसान मिलेगा या नहीं। यदि स्पेन क्वालीफाई करता है तो उसका सामना जोशीले मेजबान रूस या दो बार के पूर्व चैंपियन उरुग्वे से हो सकता है। रूस और उरुग्वे में ग्रुप ए में शीर्ष पर आने के लिए मुकाबला होना है।