सिडनी। 23 फरवरी का यह दिन गिलक्रिस्ट ने यादगार बना दिया था। उन्होंने महज 212 गेंदों में दोहरा शतक बनाकर इंग्लैंड के महान आॅलराउंडर सर इयान बॉथम का रिकॉर्ड तोड़ा था। जिन्होंने साल 1982 में भारत के खिलाफ 220 गेंदों में डबल सेंचुरी बनाई थी।
यह दिन अफ्रीकी गेंदबाजों एलन डोनाल्ड, शॉन पोलाक, आंद्रे नेल और मखाया एंटिनी के लिए काफी बुरा साबित हुआ था। जोहांसबर्ग में खेले गए टेस्ट मैच में गिलक्रिस्ट ने 212 गेंदों में 18 चौके और 8 छक्कों की मदद से नाबाद 204 रनों की शानदार पारी खेली थी।
इस दोहरा शतक के साथ उन्होंने रिकॉर्ड स्थापित किया था। वह टेस्ट क्रिकेट इतिहास में सबसे तेज दोहरा शतक जड़ने वाले विश्व के पहले बल्लेबाज बने थे। सिर्फ यही नहीं, गिली टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक जमाने वाले विश्व के पांचवें विकेटकीपर बल्लेबाज बने थे। उनसे पहले इम्तियाज अली, तस्लीम आरिफ, ब्रेंडन कुरुप्पू और एंडी फ्लावर यह कमाल कर चुके हैं। गिलक्रिस्ट की इस धमाकेदार पारी की बदौलत आॅस्ट्रेलिया ने इस टेस्ट मैच को एक पारी और 360 रनों से जीता था।
अफ्रीका के गेंदबाज हुए फेल
जब गिलक्रिस्ट मैदान पर बल्लेबाजी करने के लिए आए तो पहले दिन स्टंप्स होने में एक घंटा बचा था। गिलक्रिस्ट और डेमियन मार्टिन के दम पर पहले दिन की समाप्ति पर आॅस्ट्रेलिया का स्कोर 331 रन पहुंचा दिया। अगले दिन गिलक्रिस्ट ने वैसे ही ओपनिंग की जैसे वे वनडे क्रिकेट में करते हैं। अफ्रीकी गेंदबाज जिस भी तरह की गेंदबाजी करें, लेकिन गिलक्रिस्ट के सामने वे फेल होते नजर आए। गिली ने अपना अर्धशतक मात्र 89 गेंदों पर 6 चौकों और 2 छक्कों की मदद से पूरा किया। इसके बाद वे काफी आक्रामक अंदाज में नजर आए, उन्होंने अगले 50 रन केवल 32 गेंदों में 6 चौके और 2 छक्के के साथ पूरे किए।
दोहरे शतक का रिकॉर्ड एक महीने में ही टूट गया
गिलक्रिस्ट जब अपनी पारी के 169 रनों के स्कोर पर थे तब उन्होंने एक विज्ञापन के होर्डिंग को लक्ष्य बनाया, जिस पर लिखा था- जो भी इस पर शॉट जमाएगा, उसे सोने का बार दिया जाएगा। गिलक्रिस्ट होर्डिंग पर शॉट लगाने से बहुत नजदीक से चूक गए। फिर उन्होंने दूसरे दिन टी-टाइम के बाद कैलिस द्वारा डाली पहली गेंद पर अपनी पारी का 19वां चौका जमाया और रिकॉर्ड दोहरा शतक पूरा किया। मौजूदा समय में टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज दोहरे शतक का रिकॉर्ड एस्टल के नाम ही दर्ज है।