नई दिल्ली। देश को कुश्ती में तीन ओलंपिक पदक देने वाले पहलवानों सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त के गुरू महाबली सतपाल आज 64 साल के हो गए और छत्रसाल स्टेडियम में उनके शिष्यों ने संकल्प लिया कि अगले वर्ष 2020 के टोक्यो ओलम्पिक में वे देश के लिए स्वर्ण पदक जीतेंगे। वर्ष 1982 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास बनाने वाले सतपाल भारतीय कुश्ती में पहलवान और कोच के रूप में ऊंचा दर्जा रखते हैं।
द्रोणाचार्य पुरस्कार और पद्मभूषण से सम्मानित सतपाल के जन्मदिन पर उनके छत्रसाल स्टेडियम अखाड़े के पहलवानों के साथ साथ अन्य खेलों के खिलाड़ियों ने उन्हें जन्मदिन पर हार्दिक बधाई दी। इन बधाइयों से अभिभूत सतपाल ने कहा, ‘‘देशवासियों के प्यार और स्रेह से ही मैं यहां तक पहुंच पाया हूं। मेरा प्रयास रहेगा कि मैं इसी तरह देश और कुश्ती की सेवा करता रहूं और ऐसे पहलवान तैयार करूं जो भविष्य में देश के लिए ओलम्पिक में और पदक जीत सकें। यह देखकर अच्छा लग रहा है कि खिलाड़ी मेरा इतना सम्मान करते हैं।
सतपाल 1974, 1978 और 1982 में लगातार राष्ट्रमंडल खेलों में तीन बार रजत विजेता रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने 1979 और 1981 में कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक तथा 1982 के दिल्ली एशियाड में स्वर्ण पदक जीते। सतपाल 16 वर्षों तक राष्ट्रीय चैंपियन रहे। उनके नाम एक दिन में 21 कुश्ती जीतने का विश्व रिकार्ड है जो अब तक कायम है। अखाड़े में उनके जन्मदिन को मनाने के लिए हवन किया गया और इस दौरान सुशील कुमार तथा उनके जुड़वां बेटे सुवीर और सुवर्ण, हाल में विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले पहलवान दीपक और रवि तथा अमित दहिया भी मौजूद थे।