विश्व के सबसे अमीर लोगों में से एक ‘हेनरी फोर्ड’ जब अपनी कीर्ति और कमाई की ऊंचाइयों तक पहुंच गए तो एक पत्रकार ने उनसे पूछा था, ‘सर आप एक सफल व्यक्ति हैं, क्या आपको अपने जीवन में कोई कमी महसूस होती है?’ हेनरी फोर्ड बोले, ‘मेरे पास सब कुछ है लेकिन मेरा कोई सच्चा दोस्त नहीं है। यदि मुझे फिर से जीवन शुरू करना हो तो मैं सबसे पहले मित्रों की तलाश शुरू करूंगा। इसके लिए मुझे सारा धन ही क्यों न खर्च कर देना पड़े।’ इस बीच उस पत्रकार ने कहा, ‘तब आपको दोस्त तो कई मिल जाएंगे लेकिन सच्चा दोस्त मिलना फिर भी मुश्किल होगा।’ हेनरी ने पूछा, ‘ऐसा क्यों?’ तब उस पत्रकार ने कहा, क्योंकि आप आप केवल धन बांटने को तैयार हैं। यश बांटने को नहीं। इस दुनिया में अहंकार( ईगो) को मिटाए बिना संसार की भले ही सारी निमायतें मिल जाएं, लेकिन सच्चा दोस्त कभी नहीं मिल सकता। अगर किसी में यह नहीं है तो वही आपका सच्चा दोस्त बन सकता है। हेनरी को अपनी बात पर बहुत शर्मिंदा होना पड़ा, उन्होंने माना कि उनके बुढ़ापे में ऐसा कोई दोस्त नहीं है जिसके साथ बैठकर वह व्यक्तिगत समस्याएं, साहित्य, राजनीति आदि समस्याओं के बारे में खुलकर बात कर सकें।