उज्जैन। आर्य संन्यासी स्वामी सर्वानंद महर्षि दयानंद सरस्वती 116 वर्ष की उम्र में 300 प्रकार के आसन और योग करते हैं। उन्होंने 90 साल से अन्न, नमक, शकर का त्याग कर रखा है। केवल गाय का दूध एवं फलाहार लेते हैं।
बड़नगर रोड स्थित वैदिक धर्म प्रचार शिविर में रह रहे स्वामी सर्वानंद ने अब तक मॉरिशस, अफ्रीका, बर्मा के साथ संपूर्ण भारत में अनेक राजनीतिज्ञों, न्यायाधीशों, गुरुकुलों के ब्रह्मचारियों, अध्यापकों, पुलिस अधिकारियों एवं लाखों व्यक्तियों को योग प्राणायाम आसन सिखाया। बनारस घराने के कंठ संगीत के आचार्य रहे स्वामीजी को बाबा रामदेव भी अपना आदर्श मानते हैं। स्वामीजी के संपर्क में आकर अभी तक लाखों लोग अपने व्यसनों और शकर-नमक का त्याग कर चुके हैं। ‘रमता जोगी- बहता पानी’ कहावत को चरितार्थ कर स्वामी सर्वानंद उम्र की इस अवस्था में भी संपूर्ण भारत में आर्य समाज, आर्य संस्थाओं में प्रवास कर यज्ञ योग का प्रचार कर व्यसन मुक्ति अभियान में जुटे हुए हैं।