महाशिवरात्रि पर्व इस बार दो दिन 13 व 14 फरवरी को होगा। ज्योतिषियों के अनुसार 13 फरवरी को प्रदोष के साथ मध्य रात्रि में चतुर्दशी भी है। ऐसे में 13 फरवरी को व्रत रखना अधिक फलदायक होगा। फाल्गुन के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। 13 फरवरी मंगलवार को रात 10.22 बजे के बाद चतुर्दशी तिथि लग जाएगी जो अगले दिन 14 फरवरी की रात 12.17 बजे तक रहेगी। धर्मशास्त्रों में प्रदोष एवं अर्ध रात्रि में चतुर्दशी को ज्यादा महत्व दिया गया है। इस वर्ष महाशिवरात्रि का व्रत पर्व 13 एवं 14 दोनों दिन किया जा सकता है क्योंकि दोनों के धर्मशास्त्रीय प्रमाण मिल जाएंगे।
13 फरवरी को महाशिवरात्रि का व्रत रखने वालों को 14 की सुबह पारण करना होगा और 14 को व्रत रखने वाले को 14 तारीख की शाम को ही चतुर्दशी तिथि में पारण करना होगा। प्रदोष के साथ चतुर्दशी तिथि के महत्त्व ज्यादा होने के कारण 13 को ही महाशिवरात्रि व्रत करना ज्यादा ठीक होगा। महशिरात्रि पर पूजा करने से हर काम पूर्ण होते हैं और बाधाएं हटती हैं। यदि विवाह में अड़चन आ रही है तो शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर केसर मिला कर दूध चढ़ाएं। शिवरात्रि पर 21 बिल्व पत्रों पर चंदन से ओम नम शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं।
शिवरात्रि पर गरीबों को भोजन कराएं, इससे आपके घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी। साथ ही पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी। पानी में काला तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें व ओम नम शिवाय मंत्र का जप करें। इससे मन को शांति मिलेगी। शिवरात्रि पर घर में पारद के शिवलिंग की योग्य ब्राह्मण से सलाह कर स्थापना कर प्रतिदिन पूजा करें। इससे आपकी आमदनी बढ़ाने के योग बनते हैं। शिवरात्रि के दिन आटे से 11 शिवलिंग बनाएं। 11 बार इनका जलाभिषेक करें। इस उपाय से संतान प्राप्ति के योग बनते हैं।