माथे की लकीरे भी भाग्य का फैसला करती हैं। माथे की ये रेखाएं ग्रहों से प्रभावित होती हैं। शरीर लक्षण विज्ञान के अनुसार माथे की इन रेखाओं से व्यक्ति के भूत, भविष्य, वर्तमान और स्वभाव के बारे में जाना जा सकता है। जानिए माथे की रेखाएं जो व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करती हैं।
शनि रेखा: शनि रेखा माथे पर सबसे ऊपर होती है। यह अधिक लंबी नहीं होती। केवल माथे के मध्य भाग में ही दिखती है। जिसके माथे पर यह रेखा स्पष्ट होती है, वह गंभीर स्वभाव का होता है। यदि एक उन्नत मस्तक पर शनि रेखा हो तो ऐसे लोग रहस्यमयी व गंभीर होते हैं।
बृहस्पति रेखा: शनि रेखा से नीचे गुरु रेखा होती है। यह रेखा शनि रेखा की तुलना में थोड़ी लंबी होती है। यह रेखा पढ़ाई, विचार, आध्यात्म एवं इतिहास संबंधि रुचि और महत्वाकांक्षा की प्रतीक होती है।
मंगल रेखा: माथे पर बृहस्पति रेखा के नीचे मंगल रेखा होती है। यदि सपाट या उन्नत मस्तक पर मंगल रेखा अपने शुभ गुणों के साथ हो और व्यक्ति के कनपटी से ऊपर के स्थान थोड़े उठे हुए हों तो ऐसा व्यक्ति साहसी, स्वाभिमानी, वीर, दूरदर्शी, समझदार एवं रचनात्मक प्रवृत्ति का होता है।
बुध रेखा: यह रेखा माथे के बीच में होती है। यह रेखा लंबी होती है और कभी-कभी यह व्यक्ति की दोनों कनपटियों के किनारों को स्पर्श करती हुई दिखती है। बुध रेखा व्यक्ति की याददाश्त और ज्ञान, सूझबूझ एवं ईमानदारी की द्योतक होती है।
शुक्र रेखा: यह बुध रेखा के ठीक नीचे होती है। यह छोटे आकार की होती है। यह रेखा उत्तम स्वास्थ्य, भ्रमण प्रवृत्ति, आकर्षक एवं सम्मोहक व्यक्तित्व की सूचक होती है। उन्नत मस्तक पर यदि यह रेखा स्पष्ट रूप से दिखाई दे तो ऐसा व्यक्ति स्फूर्ति से भरा रहता है।
सूर्य रेखा: इस रेखा मनुष्य की दाईं आंख की भौंह के ऊपर होती है। यह रेखा अधिक लंबी नहीं होती। केवल आंख के ऊपर सीमित होती है। यह रेखा प्रतिभा, मौलिकता, सफलता, यश तथा समृद्धि की प्रतीक होती है।