भगवान श्री गणेश विघ्नहर्ता है और समस्त सुखों को प्रदान करने वाले हैं। उनकी स्तुति साधकों की हर मनोकामना पूरी तरह देती है। गणेशजी को खुश करना बहुत ही आसान है।
दूर्वा
गणेश जी को खुश करने का सबसे सस्ता और आसान उपाय है दूर्वा से गणेश जी की पूजा करना। दूर्वा गणेश जी को इसलिए प्रिय है क्योंकि दूर्वा में अमृत मौजूद होता है। गणपति अथर्वशीर्ष में कहा गया गया है कि जो व्यक्ति गणेश जी की पूजा दुवांकुर से करता है वह कुबेर के समान हो जाता है। कुबेर देवताओं के कोषाध्यक्ष हैं। कुबेर के समान होने का मतलब है व्यक्ति के पास धन-धान्य की कभी कमी नहीं रहती है।
मोदक
गणेश जी को प्रसन्न करने का दूसरा सरल तरीका है मोदक का भोग। गणपति अथर्वशीर्ष में लिखा है कि जो व्यक्ति गणेश जी को मोदक का भोग लगाता है गणपति उनका मंगल करते हैं। मोदक का भोग लगाने वाले की मनोकामना पूरी होती है। शास्त्रों में मोदक की तुलना ब्रम से की गयी है। मोदक भी अमृत मिश्रित माना गया है।
घी
पंचामृत में एक अमृत घी होता है। घी को पुष्टिवर्धक और रोगनाशक कहा जाता है। भगवान गणेश को घी काफी पसंद है। गणपति अथर्वशीर्ष में घी से गणेश की पूजा का ब़डा महात्म्य बताया गया है। जो व्यक्ति गणेश जी की पूजा घी से करता है उसकी बुद्धि प्रखर होती है। घी से गणेश की पूजा करने वाला व्यक्ति अपनी योग्यता और ज्ञान से संसार में सब कुछ हासिल कर लेता है।