भोले शंकर की आराधना का महापर्व श्रावण मास शनिवार से शुरू हो गया है। एक माह तक सभी शिवालयों में भक्तों की भीड़, भगवान शंकर का जलाभिषेक, शृंगार और भक्ति का सिलसिला चलेगा। इस बार 29 दिन के सावन में ही सोमवार पड़ेंगे।
राशि अनुसार ऐसे करें पूजन
मेष : सावन माह में जल में गुड़ मिलाकर भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करें, चंदन व कनेर के फूल चढ़ाएं। शकर या गुड़ की मीठी रोटी बनाकर भगवान शंकर को भोग लगाएं। ममलेश्वराय नम: मंत्र का जाप करें।
वृषभ : दही से शिव का अभिषेक करें, चावल, सफेद चंदन, सफेद फूल चढ़ाएं। नागेश्वराय नम: का जाप करें।
मिथुन : शिव का गन्ने के रस से अभिषेक करें। मूंग, दूर्वा और कुशा अर्पित करें। भूतेश्वराय नम : मंत्र जाप करें।
कर्क : शिव का अभिषेक घी से करें। कच्चा दूध, सफेद आंकड़े का फूल और शंखपुष्पी चढ़ाएं। महादेव के द्वादश नाम का स्मरण करें।
सिंह : गुड़ के जल से शिव अभिषेक करें। गेहूं और मंदार के फूल भी चढ़ाएं। नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।
कन्या : गन्ने के रस से शिव का अभिषेक करें, भांग, दुर्वा व पान चढ़ाएं। शिव चालीसा का पाठ करें।
तुला : इत्र या सुगंधित तेल से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करें, दही, शहद और श्रीखंड का प्रसाद, सफेद फूल चढ़ाएं। शिवाष्टक पाठ करें।
वृश्चिक : पंचामृत से शिव का अभिषेक करें, लाल फूल भी शिव को जरूर चढ़ाएं। अंगारेश्वराय नम: का
जाप करें।
धनु : दूध में हल्दी मिलाकर शिव का अभिषेक करें, पीले फूल चढ़ाएं, चने के आटे और मिश्री से मिठाई तैयार कर भोग लगाएं। रामेश्वराय नम: का जाप करें।
मकर : नारियल के पानी से शिव का अभिषेक करें। उड़द की दाल के मिष्ठान का भोग लगाएं। नीले कमल का फूल भी चढ़ाएं। शिव सहस्त्रनाम का जाप करें।
कुंभ : तिल के तेल से भगवान शिव का अभिषेक करें। उड़द से बनी मिठाई का भोग लगाएं, शमी का फूल अर्पित करें। शिवाय नम: का जाप करें।
मीन : दूध में केसर मिलाकर चढ़ाएं, चावल और दही का भोग लगाएं। पीली सरसों और नागकेसर चढ़ाएं। सौमेश्वराय नम: का जाप करें।
(ज्योतिष संजय दवे, रवि जैन व मुकेश शास्त्री के अनुसार)