नईदिल्ली। वैसे तो हर माह पूर्णिमा से एक दिन पहले शिवरात्रि आती है, लेकिन दो शिवरात्रियों का काफी महत्व है। इनमें से प्रमुख है फाल्गुन मास में आने वाली महाशिवरात्रि और दूसरी सावन माह की शिवरात्रि। भगवान शंकर औघड़दानी हैं और पूजन से वे तत्काल प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए शिवरात्रि के दिन श्रद्धालु उपवास कर शिवलिंग की पूजा करते हैं और उनसे अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की गुहार लगाते हैं। इस साल वर्ष 2019 में सावन शिवरात्रि व्रत 30 जुलाई को मनाया जाएगा।
सावन शिवरात्रि का है खास महत्व- सावन माह भगवान शंकर को काफी प्रिय है और इस कारण इस पूरे माह भोलेनाथ की पूजा होती है। ऐसे में इस माह की शिवरात्रि का क्या महत्व है, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। इस दिन श्रद्धालु उपवास रहकर भोलेनाथ की की कृपा प्राप्ति के लिए पूजा करते हैं। श्रद्धालु हरिद्वार, गौमुख व गंगोत्री, काशी विश्वनाथ, सुल्तानगंज आदि से पवित्र गंगा जल लेकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं।
पूजा मुहूर्त- निशित काल पूजा का समय – 24:06 बजे से 24:49 बजे
अवधि – 42 मिनट
31जुलाई को सावन शिवरात्रि पारण का समय – 05:46 बजे से 11:57 बजे तक
शिव पूजन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां
1-काले कपड़े पहन कर कभी भी शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
2- शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद हर मंदिर में उसके बाहर आने की व्यवस्था होती है, उस जल को लांघने से बचना चाहिए।
३- शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाना चाहिए।
4- शिवलिंग पर सिंदूर, तिल और हल्दी भी नहीं चढ़ानी चाहिए।
5- इस दौरान ना तो मुंह से कोई गलत बात निकालें और ना ही अपनी सोच को अपवित्र होने दें।