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Astrology

अगर आपका भाग्‍य भी सो गया है तो इस उपाय से जगाए अपने सोए हुए भाग्‍य को

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 25 2019 1:52AM | Updated Date: Jul 25 2019 1:52AM
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भाग्य को अनेक नामों से जाना जाता हैं. भाग्य के लिए अंग्रेजी भाषा में लक शब्द का प्रयोग या जाता हैं तो वहीं हिंदी भाषा में इसके लिए भाग्य तथा किस्मत आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता हैं। उर्दू भाषा में इसके लिए तकदीर शब्द प्रचलित हैं। हिन्दू धर्म में भाग्य को कर्मो की देन माना जाता हैं  मुस्लिम धर्म में इसे अल्लाह की देन माना गया हैं। सिख धर्म में भाग्य को वाहे गुरु की देन कहते हैं तो वहीं ईसाई धर्म को मानने वाले लोग इसे गॉड की देन मानते हैं।
 
भाग्य व्यक्ति के जीवन का वह पक्ष होता हैं, जिसके बदलने पर व्यक्ति जीवन की सफलता की ऊँचाइयों को छू सकता हैं। अगर व्यक्ति भाग्यशाली हैं अर्थात भाग्य उसके साथ हैं तो उसे आगे बढने से कोई ताकत नहीं रोक सकती. किसी भी व्यक्ति के भाग्यशाली होने या भाग्यहीन होने में ग्रहों का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान होता हैं। मनुष्य जीवन में ग्रहों की चाल बाल्यावस्था से ही शुरू हो जाती हैं। बच्चा चाहें किसी भी धर्म में जन्म ले, उसे जन्म से लेकर अंत तक फल ग्रह ही देते हैं। बच्चे पर ग्रह का प्रभाव हमेशा पड़ता हैं, फिर चाहें वह किसी भी देश में निवास करता हो।

भाग्य रेखा- हाथों में भाग्य रेखा होती है। राहु या केतु पर्वत से निकलकर शनि या गुरु पर्वत की ओर जाने वाली रेखा को भाग्य रेखा कहते हैं। भाग्य रेखा यदि सरल और स्पष्ट है तो व्यक्ति का भाग्य साथ देगा लेकिन यह रेखा यदि टूटी-फूटी और अस्पष्ट है तो कर्म पर ही निर्भर रहना होगा। 
 
कुंडली में भाग्य- कुंडली में नवम भाग को ज्योतिष में भाग्य माना जाता है। नवम भाव का स्वामी गुरु होता है जिसे नवमेश या भाग्येश कहते हैं। मतलब यह कि आपकी कुंडली में नवम भाव और नवमेश शुभ नहीं है, तो उन पर शुभ ग्रहों का प्रभाव नहीं है या सोए हुए हैं तो आपको जीवनभर संघर्ष ही करते रहना होगा।
 
कैसे सोया रहता है भाग्य?
जिस घर में कोई ग्रह न हो तथा जिस घर पर किसी ग्रह की दृष्टि नहीं पड़ती है तो उसे सोया हुआ घर माना जाता है। जो घर सोया हुआ होता है उस घर से संबंधित फल तब तक प्राप्त नहीं होता है, जब तक कि वह घर जागता नहीं है। यदि आपका नवम घर या भाव सोया है तो समझो कि भाग्य सोया हुआ है। 
 
कैसे जगाएं नवम भाव या नवमेश को 
छठे भाव के गुरु का उपाय:- गुरु यदि छठे भाव में बैठा है तो वह मुफ्तखोर साधु माना गया है। केतु बारहवें में बैठा शुभ हो तो ही दौलतमंद बन सकता है। यदि शनि शुभ हो तो आर्थिक हालात ठीक होगी। बहन, मौसी, बुआ से अच्छा व्यवहार रखें। मेहनत से कमाए पर ही गुजारा करें। लापरवाही और आलस्य को त्याग दें। प्राप्त चीजों की कदर करें। बुध का उपाय करेंगे तो भाग्य जाग जाएगा। मुर्गे को दाना देने से भी राहत मिलती है। पुजारी को कपड़े भेंट कर सकते हैं।
 
सातवें भाव के गुरु का उपाय:- सातवें भाव में गुरु है तो घर में मंदिर रखना या बनाना मतलब परिवार की बर्बादी समझे। कपड़ों का दान नहीं करें , पराई स्त्री से संबंध न रखे, साधु और फकीरों से दूर रहें, उन्हें किसी भी प्रकार का दान न दें। सोए हुए सातवें घर के लिए शुक्र को जगाना होता है। शुक्र को जगाने के लिए आचरण की शुद्धि सबसे आवश्यक है।
 

 

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