आज यानि की 3 जून को सारे देश में सोमवती अवस्या और शनि जंयती मनाई जा रही है। सोमवती अवस्या को कुछ स्थानों पर वट सावित्री का व्रत भी कहा जाता है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, इस बार शनि जंयती और सोमवती अवस्या एक साथ पड़ने के कारण यह व्रत काफी खास हो गया है। इसके साथ ही एक में दिन तीन शुभ आयोजन होने के चलते इसका महत्व कई गुणा बढ़ जाता है।
149 साल बाद बन रहा है यह योग
ऐसा संयोग 149 वर्ष बाद बनने जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, ऐसा संयोग पहली बार 30 मई 1870 को पड़ा था। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, इस बार अवस्या 2 जून को शाम 4 बजकर 39 मिनट से शुरू होगा 3 जून को दोपहर 3 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी। सोमवती अमावस्या के दिन गंगा स्नान व दान करना शुभ माना जाता है।
सोमवती अमावस्या के दिन करें यह उपाय...
सोमवती अमावस्या के दिन तुलसी की 108 परिक्रमा करने से दरिद्रता मिटती है।
इसके बाद क्षमता के अनुसार दान किया जाता है।
सोमवती अमावस्या के दिन स्नान और दान का विशेष महत्त्व है।
इस दिन मौन भी रखते हैं, इस कारण इसे मौनी अमावस्या भी कहा जाता है।
माना जाता है कि सोमवती अमावस्या के दिन मौन रहने के साथ ही स्नान और दान करने से हजार गायों के दान करने के समान फल मिलता है।