भगवान शंकर को भोले बाबा भी कहा जाता है। वह बहुत आसानी से मान जाते हैं व खुश हो जाते हैं। शंकर भगवान भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करते हैं। भक्त भी इनकी पूजा करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ते। भगवान का अभिषेक करते हैं। शिवरात्रि को भगवान शिव की पूजा करने का सबसे बड़ा दिन माना जाता है। इस दिन भोले को खुश कर लिया तो आपके सारे काम सफल होते हैं और सुख समृद्धि आती है।
शिवालयों में भक्तों का तांता
भक्त शिवरात्रि के दिन कई तरह से भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं। शिव को खुश करने के लिए शिवालयों में भक्तों का तांता लगा होता है, जो बेल पत्र और जल चढ़ाकर शिव की महिमा गाते हैं। कई लोगों को पता होता है कि शिव को कैसे खुश किया जा सकता है, लेकिन कुछ भक्त ऐसे भी होते हैं जिन्हें शिवरात्रि पर क्या चढ़ाना है और क्या नहीं इसका कोई भी अंदाजा नहीं होता है।
शिवलिंग पर न चढ़ाएं...
हम यहां आपको बता रहे हैं कि शिवरात्रि के दिन कैसे और किन चीजों से भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव को हल्दी अर्पित नहीं की जाती। इसका कारण है कि कि ऐसा हल्दी एक स्त्री सौंदर्य प्रसाधन में प्रयोग की जाने वाली वस्तु है और शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है। शिवजी को लाल रंग के फूल नहीं चढ़ाते। सफेद रंग के फूल चढ़ाने से भगवान शिव को जल्दी प्रसन्न होते हैं।
भगवान शिव विध्वंसक के रूप में जाने गए हैं इसलिए शिवलिंग पर सिंदूर या कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए। इसकी बजाए आप चंदन का इसतेमाल कर सकते हैं। शिवजी पर इस बार जब आप जल चढ़ाने जाएं तो केवल तांबे या पीतल के लोटे का ही इस्तेमाल करें, स्टील या लोहे के लोटे का नहीं। शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा करना वर्जित माना गया है।