आज हरतालिका तीज है। उत्तर भारत में इस दिन को महिलाओं खूब धूमधाम से मनाती है। आज के दिन केवल शादीशुदा औरतें अपने पति की लंबी उम्र के लिए ये व्रत नहीं रखती हैं, बल्कि कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर और रिश्ते में प्रेम बढ़ाने के लिए ये व्रत रखती हैं। भाद्रपद, शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन इसे मनाया जाता है। इस दिन गौरी-शंकर की पूजा की जाती है।
पूजा का शुभ समय और तिथि
इस बार हरतालिका तीज का मुहूर्त 23 अगस्त की रात 9: 03 से 24 अगस्त की रात 20:27 बजे तक रहेगा। प्रदोषकाल हरितालिका तीज का मुहूर्त शाम 6:30 बजे से रात 08:27 बजे तक है।
ऐसे की जाती है तैयारियां
सुहागन महिलाएं पूजन सामग्री की खरीदारी करने के साथ ही कपड़े और श्रृंगार के सामानों की भी खरीदारी करती हैं। हाथों पर मेंहदी लगवाने के लिए बाजार जाती हैं। बाजार में रौनक देखने को बनती है। सुहागन औरतें दुल्हन की तरह तैयार होती हैं।
क्यों रखती हैं महिलाएं ये व्रत
महिलाएं निर्जला रहकर ये व्रत रखती हैं और भगवान शिव, माता पार्वती की बालू या मिट्टी की मूर्ति बनाकर पूजन करती हैं। इस दिन महिलाएं भोर में ही दही-चुरा, मिष्ठान और फल का सेवन कर पूरे दिन निराजल व्रत रहकर पूजन सामाग्रियों से भगवान शिव परिवार ‘उमा महेश्वर का विधि-विधान से पूजा करेंगी।
दूसरे दिन यानी पारण के दिन एक या इससे अधिक ब्राह्मण दम्पति को भोजन कराकर सौभाग्य की वस्तुओं का दान कर आशीष लेगी। सुन्दर, सुशील वर की कामना के लिए अधिकतर कुंवारी कन्याएं भी तीज का व्रत रहती है और सौभाग्य की कामना के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजन-अर्चन करती है। कहा जाता है कि ये व्रत करवा चौथ से भी ज्यादा कठिन होता है।