उज्जैन। देश के द्वादश ज्योतिर्लिगों में प्रसिद्ध भगवान महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण मास में यहा आने वाले श्रद्धालुओ की सुरक्षा और सुविधा के लिए जिला एवं मंदिर प्रबंध समिति ने इस बार अत्याधुनिक तरीके से तैयारियां की है। प्रदेश की धार्मिक एवं प्राचीन शिव की नगरी उज्जैन में भगवान महाकालेश्वर मंदिर के अलावा 84 महादेव "शिव मंदिर" है और यहां प्राचीनतम नवग्रह मंदिर में भी महादेव स्थापित है। जहां लोग उनकी पूजा करते है। श्रावण माह में शिव की पूजा का विशेष धार्मिक महत्व होने के चलते देश के विभिन्न प्रांतो से शिव भक्त उनकी आराधना और दर्शन करने के लिए यहा आते हैं। धार्मिक मान्यतानुसार भगवान शंकर तीन लोकों में शिवलिंग के रुप में प्रतिष्ठित है और पृथ्वी लोक में भगवान महाकालेश्वर को लोकेश्वर एवं उज्जैन का राजाधिराज माना जाता है। महाकालेश्वर मंदिर के विशाल परिसर तीन खंडो में विभक्त है और सबसे नीचे खंड में भगवान महाकालेश्वर, दूसरे खंड में ओकारेश्वर एवं तीसरे खंड में नागचन्द्रेश्वर भगवान विराजित है। भगवान नागचन्द्रेश्वर मंदिर के पट वर्ष में केवल एक दिन 24 घंटे नागपंचमी पर्व पर खोले जाते है और नागपंचमी पर्व भी श्रावण में आता है।
भगवान महाकालेश्वर देश में एकमात्र एक ऐसा शिवालय है जहां प्रतिदिन तड़के भस्म आरती होती है। भारतीय तिथि अनुसार श्रावण महीना पूर्णिमा से पूर्णिमा तक मनाया जाता है, लेकिन मराठा पंचांग के अनुसार भारतीय तिथि की गणना अमावस्या से अमावस्या तक की जाती है। इसी कारण मराठा शासनकाल से भगवान महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण मास को डेढ महीने का मनाया जाता है और उसी के अनुसार श्रावण के प्रत्येक सोमवार को सवारी निकाले जाने की परंपरा है। इस वर्ष श्रावण का प्रथम सोमवार 10 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है और प्रथम सवारी 10 जुलाई को, द्वितीय सवारी 17 जुलाई, तृतीय सवारी 24 जुलाई, चतुर्थ सवारी 31 जुलाई और पंचम सवारी 7 अगस्त, छठी सवारी 14 अगस्त तथा अंतिम शाही सवारी 21 अगस्त को निकाली जाएगी। इसके अलावा श्रावण महीने में महाकालेश्वर मंदिर में प्रत्येक रविवार को श्रावण उत्सव मनाया जाएगा। श्रावण महोत्सव में गीत संगीत एवं नृत्य के साथ धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएगे।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मंदिर एवं सवारी मार्ग पर जिला प्रशासन एवं मंदिर प्रबंध समिति ने अत्याधुनिक यंत्रो के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था की है। श्रावण-भादौ मास में मंदिर एवं सवारियो में लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओ को देखते हुए मंदिर एवं सवारी में कानून व्यवस्था, भीड़ प्रबंधन तथा अन्य आवश्यक व्यवस्थाए सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 13 कार्यपालन दण्डाधिकारियो की ड्यूटी लगाई गई है और जिला प्रशासन ने मंदिर के सुरक्षा गार्ड एवं कर्मचारी को अपने परिचितो को बगैर अनुमति के दर्शन नही कराने के निर्देश दिए है। आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधित कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
सूत्रो के अनुसार श्रावण महीने में आने वाले कावडियें शनिवार, रविवार और सोमवार के दिन जलाभिषेक नही कर सकेंगे। शेष चार दिनो में यह विशेष सुविधा दी जाएगी। भीड़भाड़ को देखते हुए श्रावण मास में मंदिर के डेढ किलोमीटर तक के क्षेत्र को नो व्हीकल क्षेत्र घोषित किया है। सशुल्क और वीआईपी को सुविधा अलग से दी जाएगी। महाकाल की सवारी के मार्गो पर लोगों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए है।