जब राजा भागीरथी ने धर्मराज (भगवान यम) से पूछा कि मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है तो धर्मराज के द्वारा दिए गए उत्तर से भागीरथी आश्चर्य में पड़ गए जब उन्होंने सुना कि मृत्यु के बाद भी आत्मा को मुक्ति नहीं मिलती है जब तक कि उसे मोक्ष नहीं मिल जाता है।
मोक्ष प्राप्ति के लिए आत्मा को कई सारे जन्म लेने पड़ते हैं। यमराज ने ये भी बताया कि मोक्ष प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को अपने मानव जीवन में कई अच्छे फल करने पड़ते हैं।
जो लोग देवी तुलसी की पूजा करते हैं, हर दिन उनकी आराधना करते हैं और अपने घर में उन्हें लगाते हैं ऐसे लोगों को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। कहा जाता है ऐसे लोगों को बैकुंठ धाम में स्थान मिलता है।
वह भक्त, जो घी का दिया, भगवान शिव के लिए आरती में जलाकर रखते हैं उन्हें मोक्ष की प्राप्ति आसानी से हो जाती है। ऐसे लोगों को गंगा स्नान के बराबर पुण्य मिलता है।
जो लोग भगवान विष्णु के भक्त होते है और उनकी पूजा, सुगंधित फूलों से एकादशी के दिन करते हैं उन्हें 10,000 जन्मों के पाप से मुक्ति मिल जाती है और वो कम समय में ही मोक्ष को प्राप्त कर लेते हैं।