वर्ष 2017 का शुभारंभ रविवार से होने के कारण यह साल सूर्यदेव के प्रभाव में रहेगा। साल 2017 में पहली बार एक साथ नवग्रह 100 साल बाद अपनी राशि एक साथ बदलेंगे। ज्योतिष के अनुसार सामान्य सालो में सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, शुक्र ही अपनी राशि बदलते हैं, लेकिन शनि, बृहस्पति, राहु और केतु हर वर्ष अपना स्थान परिवर्तन नहीं करते। वहीं साल 2017 में पहली बार 9 ग्रह अपना स्थान बदल रहे हैं।
मां चामुंडा दरबार के पुजारी गुरुजी पंडित रामजीवन दुबे एवं ज्योतिषाचार्य विनोद रावत ने बताया कि 2017 में पांच रविवार पड़ रहे हैं, यह इस शताब्दी में पहली बार होगा। इस वर्ष का शुभारंभ रविवार से होकर साल का समापन भी रविवार को हो रहा है। इस दृष्टि से यह विशेष महत्वपूर्ण है।
उन्होंने बताया कि 31 दिसंबर 2016 शनिवार को पुत्र शनिदेव विदाई देंगे और नववर्ष 2017 का शुभारंभ 1 जनवरी रविवार को शनि के पिताश्री सूर्यदेव वर्ष का कार्यभार संभालेंगे। नववर्ष का शुभारंभ मध्यरात्रि 31 दिसंबर कन्या लगन में होगा। सूर्योंदय नववर्ष का धनु लगन में होगा। कन्या लगन- प्यार और धनु लगन-धन का सूचक है।
अधिकांश त्यौहार रविवार को
इस वर्ष कई बड़े त्यौहार रविवार को ही पड़ रहे हैं। इनमें पुत्रदा एकादशी, मकर सक्रांति, महावीर जयंती, गंगा दशहरा, जगन्नाथ रथयात्रा, भड़ली नवमी, गुरु पूर्णिमा, हरियाली अमावस्या, हरछठ, करवा चौथ, आंवला नवमी आदि त्यौहार रविवार को मनाए जाएंगे।
राजनीतिक में उथल- पुथल
ज्योतिषाचार्य रावत के अनुसार वर्ष 2017 में ग्रहों के परिवर्तन से राजनीतिक में उथल- पुथल, नोटबंदी का नाटक बंद होगा, प्राकृतिक आपदा, चक्रवात के साथ तेज सर्द हवा एवं बारिश के योग हैं।
इस वर्ष चुनावों के परिणाम भी चौकाने वाले होंगे।
772 वर्ष बाद सूर्य से संबंधित साल
ग्रह गोचर में नक्षत्र मेखला की गणना से 772 वर्ष बाद 2017 एक ऐसा वर्ष है। जो नवग्रहों में ग्रहों के राजा सूर्य से संबंधित है। इस दृष्टि से यह विशेष महत्वपूर्ण है। अंक ज्योतिष में 7 ग्रह विशेष माने जाते हैं। उन 7 ग्रहों में सूर्य अपनी ऊर्जा से अन्य ग्रहों को ऊर्जान्वित करते हैं। 1 तारीख पहला महीना इन दोनों का आंकिक विश्लेषण का कारक सूर्य है।
1 अंक का स्वामित्व होने के कारण यह प्रभावशाली, ऐश्वर्यशाली, समृद्धिकारक, नए आविष्कारक, नई तकनीक एवं संचार के नए- नए अन्वेषणों का प्रधानकारक ग्रह है। वर्ष 2017 का टोटल 1 बनता है।