हाथ में कड़ा पहनने का चलन बहुत पहले से है। सिख धर्म में कड़े को धारण करना आवश्यक माना गया है। अधिकांश व्यक्ति चांदी, सोना, लोहा या अष्टधातु का कड़ा पहनते है। दरअसल, कड़ा सिर्फ फैशन का टशन नहीं है। रत्न-धातुओं के जानकार मानते हैं कि अगर आप थोड़ी जानकारी के साथ कड़े पहनें तो इसके कई फायदे भी हैं। पारद एक जीवंत धातु है और पारद धातु का कड़ा हाथ में धारण करने से कई तरह की बीमारियों व परेशानियो से रक्षा होती है।
जो व्यक्ति मौसम संबंधी बीमारियों के शिकार जल्दी होते हैं, जिससे शारीरिक कमजोरी बढ़ जाती है। इन सभी बीमारियों से बचने के लिए हाथ में पारद धातु कड़ा पहनने से लाभ होते है। जिन लोगों पर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव जल्दी होते है ंउन्हें भी पारद धातु कड़ा पहनने से लाभ होते हैं। क्योंकि पारद धातु को भगवान शिव का स्वरूप माना गया है।
जिन लोगों के कमर, हाथ-पैरों,पेट में दर्द रहता है, वे हाथ में पारद धातु कड़ा धारण करें, क्योंकि पारद धातु मे स्पंदन होता है, जो खून के प्रवाह पर नियंत्रण रखता है। पारद धातु का शरीर पर स्पर्श व्यक्ति मे जलन, निंदा, मोह, अहंकार, हिंसा विक्षिप्तता आदि अनेक आंतरिक दोषों को कम करके मानसिक पीड़ा भी दूर करती है। व्यक्ति मे आलस्य भी दूर होता है। इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य व सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।