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Astrology

जानिए क्‍या है विजयदश्‍ामी का महत्‍व, ये है शुभ मुहूर्त

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 11 2016 1:26AM | Updated Date: Oct 11 2016 1:26AM
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शारदीय नवरात्र के बाद दश्मी तिथि को दशहरा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन श्रीराम ने रावण का वध कर के अन्याय पर न्याय की, अधर्म पर धर्म की और अहंकार पर स्वाभिमान की विजय हासिल की थी। संस्कृत भाषा में ‘दशहरा’ का अर्थ है 10 बुराइयों को दूर करना. जबकि 'विजयादशमी' का अर्थ विजया (विजय) दशमी (10 दिन) है। इस दिन शस्त्र पूजा की जाती है। दशहरे को अहंकार, काम, क्रोध और बुराइयों को दूर कर शांति और अच्छे व्यवहार को अपनाने का संकल्प दिवस भी माना जाता है।

भगवान राम की रावण पर विजय
नवरात्रि के साथ ही दशहरा मनाने की सबसे चर्चित और प्रमुख कथा भगवान राम की निशाचरों के राजा रावण पर विजय प्राप्त करना है। रामायण की कथा के अनुसार, भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान राम ने मां सीता के अपहरण के बाद निशाचरों के विनाश का संकल्प लिया। उन्होंने अपने छोटे भाई लक्ष्मण के साथ एक विशाल वानर सेना को साथ लिया और महाबलशाली लंकापति रावण को मौत के घाट उतार दिया। रावण का वध करने कुछ दिन पहले भगवान राम ने आदि शक्ति मां दुर्गा की पूजा की और फिर उनसे आशीर्वाद मिलने के बाद दशमी को रावण का अंत कर दिया। रावण पर श्रीराम की इस विजय को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है। 
 
महिषासुर नामक राक्षस का वध
दशहरा के बारे में दूसरी कथा यह है दशमी को ही मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था। कथा के अनुसार, अपार बलशाली राक्षण महिषासुर से देवलोक के देवता और पृथ्वीवासी मनुष्य त्रस्त हो चुके थे। कहा जाता है कि घोर तप करने बाद महिषासुर ने भगवान से अजेय होने का वरदान प्राप्त कर लिया और फिर लोगों को तबाह करने लगा। इसके बाद देवों की दयनीय मांग पर भगवान विष्णु, ब्रह्मा और शिव ने मिलकर एक देवी रूप में एक शक्ति को प्रकट किया जिसे मां दुर्गा के नाम से जाना गया। मां दुर्गा ने महिषासुर से युद्ध कर उसे पराजित किया। इस युद्ध में महिषासुर का अंत हो गया जिसके बाद देवताओं ने इस खुशी के उपलक्ष्य में मां दुर्गा को वचन दिया इस दिन को आज से विजयादश्‍मी के रूप में मनाया जाएगा।
 
दशहरा मुहूर्त
मंगलवार, 11 अक्टूबर 2016
शुभ कार्य हेतु यह समय उत्तम है. कुल समय 24 मिनट का है. इसमें विजय हेतु प्रस्थान करना शुभ होगा. यह समय अस्त्र-शस्त्र पूजन हेतु उत्तम है।
 
विजय मुहूर्त
11.59 से 12.23 तक-यह समय शुभ फल देने वाला है। इस समय में आप कुछ भी शुभ काम या पूजा कर सकते हैं। इसी समय से पहले मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन भी किया जाएगा।
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