भारत में कई इए मंदिर मौजूद हैं जिनसे कई चौंकाने वाले रहस्य जुड़े हुए हैं। लेकिन महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित महालक्ष्मी मंदिर के बारे में एक ऐसा दावा किया जाता है जिसे अभी तक विज्ञान भी चैलेंज नहीं कर पाया है। इस मंदिर की चारों दिशाओं में एक-एक दरवाजा मौजूद है।
इतिहासकारों की माने तो कोल्हापुर के महालक्ष्मी मंदिर में कोंकण के राजाओं, चालुक्य राजाओं, आदिल शाह, शिवाजी और उनकी मां जीजाबाई तक ने चढ़ावा चढ़ाया है। मंदिर के बाहर मौजूद एक शिलालेख और इतिहासकारों के अनुसार ये मंदिर 1800 साल पुराना है। लोगों की मान्यता के मुताबिक शालि वाहन घराने के राजा कर्णदेव ने इसका निर्माण करवाया था।
बाद में इसके आंगन में करीब 35 और छोटे-छोटे मंदिरों का निर्माण कराया गया। आदि गुरु शंकराचार्य ने इस मंदिर में देवी महालक्ष्मी की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की थी। कहा जाता है कि इन्हें आज तक कोई भी नहीं गिन पाया। मंदिर प्रशासन का कहना है कि कई बार लोगों ने इन्हें गिनने की कोशिश की लेकिन जिसने भी ऐसा किया उसके साथ अनहोनी घटना देखने को मिली।
इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि देवी सती के तीनों नेत्र यहीं गिरे थे। इस मंदिर को मां भगवती का निवास माना जाता है। साल के एक खास समय सूर्य की किरणें मुख्य मंदिर में मौजूद देवी की मूर्ति पर सीधे पड़ती हैं। ऐसा माना जाता है कि तिरुपति यानी भगवान विष्णु से रूठकर उनकी पत्नी महालक्ष्मी कोल्हापुर आईं थी।