वाराणसी। माघ मास के कृष्ण पक्ष को पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं। आज 24 साल बाद सोमवार को अमावस्या पड़ने से सोमवती अमावस्या भी है। इस दौरान काशी के घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
शास्त्रों के अनुसार, 12 मासों में माघ मास को सबसे उत्तम माना जाता है। सोमवार का दिन महादेव को प्रिय है और सोमवती अमावस्या तो पूर्णरूपेण शिवजी को समर्पित होती है। आज के दिन गंगा नदी या किसी सरोवर आदि में स्नान करके भगवान शंकर, पार्वती और तुलसी की भक्तिपूर्वक पूजा करें।
सोमवती अमावस्या के दिन 108 बार अगर तुलसी की परिक्रमा करना, ओंकार का थोड़ा जप करना, सूर्य नारायण को अर्घ्य देना, यह सब साथ में करना अच्छा माना जाता है। सिर्फ तुलसी को 108 बार प्रदक्षिणा करने से ऐसा माना जाता है कि घर की दरिद्रता भाग जाएगीl
शास्त्रों के अनुसार इस दिन गंगा जी में स्नान करने से मनुष्य के पाप दूर हो जाते हैं। इस दिन स्वर्ग लोक के सारे देवी-देवता गंगा में वास करते हैं। जो पापों से मुक्ति देते हैं।
इस दिन पवित्र संगम में देवताओं का निवास होता है। इस दिन त्रिवेणी स्थल (तीन नदीओ का संगम) पर स्नान करने से तन की शुद्धि, मौन रहने से मन की शुद्धि और दान देने से धन की शुद्धि और वृद्धि होती है।