21 जनवरी 2016 के सूर्योदय के बाद से 20 फरवरी तक आसमान में एक दशक बाद ग्रहों का बड़ा मेला लगने वाला है। हमारे सौरमंडल के पांच प्रमुख ग्रह बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि मिल कर एक साथ धरती को देखेंगे। हम भी इन्हें अपनी खुली आंख से सूर्योदय के ठीक पहले पूर्वी आसमान में एक लकीर में खड़े पाएंगे। खगोल विज्ञान में इसे विरली घटना कहा जाता है।
सबसे अच्छा दृश्य 5 फरवरी से 20 फरवरी तक नजर आवेगा। प्रात: 6 बजकर 45 मिनट पर जब बुध ग्रह क्षितिज से मात्र 3 अंश पर ही होगा, यह थोड़ा धूमिल दिखेगा पर दूसरे चारों ग्रह खुली आंखों से चमकीले नजर आएंगे। इस साल यह नजारा तीन दिनों के लिए अगस्त में फिर से दिखेगा, इसके बाद देखने के लिए हमें अक्टूबर 2018 तक प्रतीक्षा करना होगी।
इस विलक्षण दृश्य में चंद्रमा क्षितिज और देखने वाले की आंखों को सीधी रेखा से जोड़ने की कल्पना की जाए तो उक्त पांचों ग्रह समकोण त्रिभुज के ‘कर्ण’ अर्थात लंबी भुजा में सितारों की तरह झीनी चुनरिया में जड़े हुए नजर आएंगे।