24 Apr 2024, 11:10:17 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Astrology

पौष में रविवार इस विधि से करें सूर्यदेव की पूजा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 4 2016 11:48AM | Updated Date: Jan 4 2016 11:48AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

सूर्य सौर मंडल का आधार है। हमारे धर्म ग्रंथों में भी सूर्य को प्रधान देवता माना गया है। पुराणों में आए उल्लेख के अनुसार, प्रत्येक माह में सूर्य के एक विशिष्ट रूप की पूजा की जाती है, जिससे हर मनोकामना पूरी होती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, पौष मास में भग नामक सूर्य की उपासना करनी चाहिए। इस बार पौष मास का प्रारंभ 26 दिसंबर, शनिवार से हो चुका है, जो 24 जनवरी, रविवार तक रहेगा।
 
ऐसी मान्यता है कि पौष मास में भगवान भास्कर ग्यारह हजार किरणों के साथ तपकर सर्दी से राहत देते हैं। इनका वर्ण रक्त के समान है। शास्त्रों में ऐश्वर्य, धर्म, यश, श्री, ज्ञान और वैराग्य को ही भग कहा गया है और इनसे युक्त को ही भगवान माना गया है। यही कारण है कि पौष मास का भग नामक सूर्य साक्षात परब्रह्म का ही स्वरूप माना गया है।
 
पौष मास में सूर्य को अर्घ्य देने तथा उसके निमित्त व्रत करने का भी विशेष महत्व धर्म शास्त्रों में लिखा है। आदित्य पुराण के अनुसार, पौष माह के हर रविवार को तांबे के बर्तन में शुद्ध जल, लाल चंदन और लाल रंग के फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए तथा विष्णवे नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। रविवार को व्रत रखकर सूर्य को तिल-चावल की खिचड़ी का भोग लगाने से मनुष्य तेजस्वी बनता है।
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »