विदा होते साल 2015 की यादों के बीच नव वर्ष 2016 के आगमन की आहट सुनाई देने लगी है। शंकराचार्य मठ के प्रभारी गिरीशानंद महाराज ने बताया भारतीय संस्कृति में नव वर्ष की शुरुआत गुड़ी-पड़वा से होती है लेकिन ज्योतिषीय नजरिये से यह बात भी सुखद है कि अंग्रेजी कैलेंडर के नए साल का सूर्योदय सौभाग्य योग में होगा। इसके साथ ही चौघड़िया में अमृत और शुभ योग मिल रहे हैं।
संकल्प पूरे होने का वैज्ञानिक आधार
महाराज बताते हैं कि सुखद योग-संयोग या मुहूर्त में अच्छे परिणाम आने के पीछे वैज्ञानिक कारण हैं। वास्तव में शुभ काल में ब्रह्मांड की ध्वनि-आवृत्ति पृथ्वी की ध्वनि-आवृत्ति के अनुकूल हो जाती है। उस दौरान यह आवृत्ति आपकी संकल्प शक्ति की आवृत्ति के साथ मिलकर उसे बल प्रदान करती है। इसी से शुभ मुहूर्त और सुखद योग में लिए गए संकल्प पूरे होते हैं। नववर्ष की शुरुआत में भी सौभाग्य योग मिल रहा है। उदित होते सूर्य को नमस्कार करके या अर्घ्य देते हुए संकल्प या शुभत्व की कामना करें तो जरूर पूरी होगी।
बौद्धिकता बढ़ेगी
ज्योतिषाचार्य पं. चंद्रभूषण व्यास ने बताया सौभाग्य योग से शुरू होने वाले साल 2016 में सुख-समृद्धि, पराक्रम बढ़ेगा। इसके साथ ही देश का नेतृत्व बुद्धि और विवेक के बल पर पूरी दुनिया पर यश-कीर्ति अर्जित करेगा। उत्तरा-फाल्गुनी नक्षत्र और कन्या राशि में चंद्रमा होने से देश के युवाओं में बौद्धिक क्षमताओं का विकास होगा।
अमृत और शुभ मुहूर्त
शुभत्व के साथ होगी शुरुआत
पंडित प्रमोद शुक्ला के अनुसार 31 दिसंबर गुरुवार को को तड़के 3.50 से 5.31 बजे तक शुभ और 5.31 से 7.11 बजे तक अमृत योग है। इसके बाद नए साल के पहले दिन सुबह 7.11 से 8.30 बजे तक शुभ योग रहेगा, जबकि इस दिन सूरज की पहली किरण खिलेगी ठीक 7.10 बजे। इस प्रकार शुभत्व के साथ वर्ष 2016 की शुरुआत होगी। इस दौरान इष्ट देव की आराधना, संकल्प और नए काम की शुरुआत विशेष रूप से श्रेयस्कर होगी।
अमृत भी बरसेगा
पं. मनोज व्यास ने बताया वर्ष की शुरुआत में तमिल और आनंद आदि योग भी अमृत है, जो कि नए साल के लिए शुभ संकेत दे रहा है।