धनतेरस के दिन सोम प्रदोष और त्रयोदशी होने से दिनभर खरीददारी शुभ रहेगी। इस दिन बर्तन की खरीदी का महत्व होने से बर्तन बाजार महाखरीदी के लिए सज गया है। दुकानों पर चम्मच, प्लेट-कटोरी से लेकर बर्तन स्टैंड तक सजे हुए हैं। दुकानों पर विद्युतसज्जा की गई है।
ज्योतिष के हिसाब से योग-संयोग जब विशेष पर्व पर बनते हैं तो अनूठे माने जाते हैं। ऐसा ही योग इस बार धनतेरस को बन रहा है। धनतेरस सोमवार को होने से सोम प्रदोष का योग बन गया है। साथ ही त्रयोदशी तिथि होने से यह स्वयं ही विशिष्ट मुहूर्त बन गया। इससे धनतेरस को दिन में मनचाही खरीदी की जा सकती है। इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा को देखते हुए कसेरा बाजार सज गया है। दुकानों पर नई डिजाइन के बजाय स्टील, पीतल, तांबा व कांसे के सामान्य बर्तन सजाए गए हैं।
दुकानों को अलग और सुंदर दिखाने के लिए तीन से चार मंजिल उपर तक बर्तन रखे गए हैं। स्टैंडर्ड स्टील के संचालक राजेश मित्तल ने बताया धनतेरस पर स्टील के बर्तनों की बिक्री अधिक रहती है। इस कारण रोजमर्रा के काम आने वाले बर्तन ज्यादा सजाए गए हैं।
पहले बनते थे बर्तन
धनतेरस के लिए जिस जगह बर्तन बाजार सजा हुआ है वहां होलकर शासनकाल में बर्तन बनाए जाते थे। इसी वजह से इस बाजार का नाम कसेरा बाजार पड़ा। बर्तन व्यापारी श्री मित्तल ने बताया शुरुआत में महाराज तुकोजीराव होलकर व सर सेठ हुकुमचंद दुकानदारों से सामान खरीदते थे और बदले में मोहरें देते थे, ताकि दुकानदारों का उत्साह बढ़े। तब से यह बर्तन बाजार यहीं सज रहा है।
सुबह 6 बजे खुलेगा बाजार
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी धनतेरस के दिन बर्तन बाजार शुभ मुहूर्त में सुबह 6 बजे से खुल जाएगा। इसके बाद कारोबार शुरू होगा। व्यापारियों का कहना है कि सोम प्रदोष योग व त्रयोदशी होने से दिनभर अच्छा कारोबार होने की संभावना है।
डेढ़ घंटे खरीदी करने से बचें
श्री व्यास ने बताया कि सोमवार को धनतेरस के दिन सुबह 7.30 बजे से लगभग 9 बजे तक राहुकाल रहेगा। इस दौरान किसी भी तरह की खरीदी से बचने का प्रयास करना चाहिए। ज्योतिष में इस समय को शुभ नहीं माना जाता है।
स्टील के भाव गिरे
बर्तन व्यापारियों के मुताबिक इस वर्ष बर्तनों में मई से मंदी का दौर बना हुआ है। इसके चलते स्टील सहित अन्य धातुओं के भाव भी कम बने हुए हैं। बीते वर्ष स्टील 220 रुपए किलो था, जबकि इस वर्ष 200 रुपए किलो है। इसी तरह तांबा 800 रुपए किलो था जो अभी 725 रुपए किलो है। पीतल 500 रुपए किलो था जो 450 रुपए किलो है। इसी तरह कांसा 1200 रुपए किलो था जो इस वर्ष 1100 रुपए किलो है। हालांकि कांसे की खरीदी कम हो गई है। फिर भी बर्तन तो रखना ही पड़ते हैं।
मुहूर्त
ज्योतिषी चंद्रभूषण व्यास के मुताबिक धनतेरस पर चौघड़िया के हिसाब से यह शुभाशुभ मुहूर्त हैं।
अम्रत - सुबह 6.38 से 8.01 बजे तक : गादी बिछाना, तिजोरी संभालना, देवकार्य करना।
शुभ - सुबह 9.24 से 10.47 बजे तक : देव प्रतिमा लेना, चांदी, बही-खाता, स्थिर वस्तुओं को खरीदना व स्थापित करना, सोना खरीदना, बयाना देना आदि।
चर - सुबह 11.53 से 1.38 बजे तक : वाहन खरीदना, मशीनों का शुभारंभ करना, मशीन खरीदना, तराजू पूजन करना, बर्तन आदि खरीदना, औषधि निर्माण करना, औषधि पूजन स्टाक करना।
अम्रत - शाम 4.21 से 7.06 बजे तक : तिजोरी पूजन, स्वर्ण व रजत आभूषण खरीदना, नई वस्तुओं का पूजन, भगवान विष्णु व धन्वंतरि की पूजा करना, दीप दान करना।