दीपावली से पूर्व सोमवार-पुष्य और मंगलवार-पुष्य नक्षत्र का योग बन रहा है। पुष्य के साथ सर्वार्थसिद्ध योग बनने से इसे महाखरीदी का योग भी माना जा रहा है।
दीपावली पर महालक्ष्मी की पूजा की जाती है। जिस वजह से नए कपड़े, सोने-चांदी व रत्न जड़ित आभूषण खरीदना शुभ माना जाता है। जिसमें अधिकतर लोग पुष्य नक्षत्र व धनतेरस पर विशेष खरीदी करते हैं। खासतौर पर पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा माना जाता है।
मान्यता है कि दीपावली के पूर्व इस नक्षत्र में की गई खरीदी परिवार में सुख-समृद्धि लाती है। पुष्य नक्षत्र में राहुकाल के दौरान किसी भी तरह की खरीदी नहीं करनी चाहिए। इसके चलते मंगलवार को मंगल-पुष्य योग में लोंगों को दोपहर 2.58 बजे से 4.23 बजे तक खरीदी करने से बचना चाहिए।
25 घंटे 27 मिनट पुष्य नक्षत्र का संयोग
नृसिंह मंदिर के पुजारी मोहित शर्मा ने बताया कि इस वर्ष पुष्य नक्षत्र का योग दो दिन का बना है। इसके चलते पुष्य नक्षत्र सोमवार शाम 4.25 बजे से शुरू होगा, जो दूसरे दिन मंगलवार को 5.52 बजे तक रहेगा। इस तरह लोगों को पुष्य नक्षत्र में खरीदी के लिए दो दिन में 25 घंटे 27 मिनट पुष्य नक्षत्र का संयोग मिलेगा।
यह खरीदना शुभ
ज्योतिषाचार्य चंद्रभूषण व्यास के मुताबिक दो दिन रहने वाले पुष्य नक्षत्र के दौरान बही-खाते, सोना, चांदी, वाहन, जमीन, इलेक्ट्रॉनिक सामान, स्वास्थ्य उपकरण व भारी मशीनरी खरीदना शुभ फलदायी रहेगा।
खरीदी के योग
सोमवार
अमृत : शाम 4.24 बजे से 7.19 बजे तक - रजत आभूषण, स्वर्ण आभूषण, बही-खाता, पेन कलम दवात, मकान का टोकन आदि
लाभ : रात 10.22 बजे से 11.52 बजे तक - स्थाई संपत्ति खरीदी, तिजोरी को संभालना, पुराने सामान को व्यवस्थित करना, खरीदी गई वस्तु सजाना
मंगलवार
चर : सुबह 7.57 बजे 9.22 बजे तक, लाभ : सुबह 9.42 बजे से 10.46 बजे तक, अमृत : सुबह 10.47 बजे से 12.10 बजे तक, शुभ : दोपहर 1.35 बजे से 2.59 बजे तक