दिवाली पर रंगोली से अपने घर को सजाने की सोच रहे हैं तो आपको लेटेस्ट डिजाइन और ट्रेंड में रहने वाली रंगोली के बारे में जरूर जानना चाहिए। दरअसल, त्योहारों में अगर घर के दरवाजे पर रंगोली न बनी हो तो फेस्टिवल अधूरा-सा लगता है।
दक्षिण भारत के राज्यों में , महाराष्ट्र और गुजरात में हर त्योहारों में रंगोली बनाई जाती है। रंगोली को घर के दरवाजे पर कई डिजाइन में बनाई जाती हैं। ऐसा नहीं है कि देश के अन्य भागों में दिवाली पर रंगोली बनाने की रिवाज है। दिवाली के दिन लोग अपने-अपने घरों को फूलों के सजाते हैं। मां लक्ष्मी के आगमन पर उन्हें खुश करने के लिए अपने घर के दरवाजे पर रंगोली बनाते हैं।
संस्कृत शब्द रंगावली से बना है रंगोली। इसे प.बंगाल में अल्पना के नाम से जाना जात है। भारत में इसे केवल तीज-त्योहारों पर ही नहीं बल्कि घर पूजा और शुभ अवसरों पर भी बनाया जाता है। माना जाता है कि रंगोली को घर के दरवाजे पर देखकर भगवान और मेहमान दोनों खुश हो जाते हैं। रंगोली उनके स्वागत के लिए ही होता है।
बता दें, कि हिंदू धर्म में वैसे तो कई सारे पर्व और त्योहारा मनाए जाते हैं मगर दिवाली का अपना अलग ही महत्व होता हैं, इस दिन लोग पूरे उत्सह के साथ दिवाली का पर्व मनाते हैं वही रंगोली का भी अपना विज्ञान होता हैं यह घर में सकारात्मक ऊर्जा को लेकर आती है और उसे बाहर नहीं जाने देती हैं इसे बनाते समय मस्तिष्क के अधिक क्रियाशील होने से तनाव दूर हो जाता हैं इसी तरह रंगोली बनाने के दौरान अंगुली और अंगूठा मिलकर ज्ञानमुद्रा बनाते हैं, जो व्यक्ति के मस्तिष्क को ऊर्जावान और सक्रिय बनाती हैं दिवाली पर महालक्ष्मी की पूजा में रंग बिरंगी रोशनी, सजावट और पटाखे जैसी चीजें तो माहौल को खुशनुमा बनाती हैं मगर रंगोली भी इस पर्व को खुशनुमा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं।
वही भारत में आए दिन पर्व और उत्सवों का मेला लगा रहता हैं इन उत्सवों और संस्कारों में रंग भरती हैं रंगोली, चाहे हवन की वेदी हो, शादी विवाह हो, नामकरण हो या यज्ञोपवीत जैसा कोई शुभ कार्य, इन सभी में रंगोली बनाने की परंपरा मुख्य हैं,वही रंगोली में स्वस्तिक, कमल के पुष्प, महा लक्ष्मी के चरण के अलावा अन्य कलात्मक डिजाइन प्रमुख माने जाते हैं
वही भारतीय पर्व त्योहारों में रंगो का विशेष महत्व होता हैं रंगो के बिना त्योहार अधूरे लगते हैं। वही ऐसा कहा भी गया हैं क रंग व्यक्ति को खुशहाली प्रदान करते हैं और पर्व त्योहारों में जान डाल देते हैं रंगोली को अल्पना भी कहा जाता हैं अल्पना वात्स्यायन के कामसूत्र में वर्णित चौसठ कलाओं में से एक माना जाता हैं।