इस वर्ष देशभर में 27 अक्टूबर के दिन दिवाली का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा। हिंदू शास्त्रों में कोई भी पूजा बिना दीपक जलाए पूरी नहीं मानी जाती है। दिवाली में तो दीपों का खास महत्व होता है। दीपक के बिना आप दिवाली की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है। इस दिन हर कोई मां लक्ष्मी को अपने घर बुलाने के लिए मन से उनकी पूजा करता है।
हर वर्ष दिवाली अमावस्या के दिन पड़ती है परंतु इस वर्ष दिवाली पर दर्श अमावस्या का संयोग बन रहा है। अगर दुर्भाग्य आपका पीछा नहीं छोड़ रहा हो तो सरसों के तेल में गेहूं के आटे और गुड़ के पुए बनाकर सात आक के फूल, सिंदूर, आटे का दीपक, अरंडी के पत्तल पर रखकर शनिवार की रात किसी चौराहे पर रख आएं और पीछे मुड़कर न देखें। ऐसा करने से दुर्भाग्य से मुक्ति मिल जाती है।
जानिए दर्श अमावस्या का महत्व
बता दें कि आध्यात्मिक दृष्टि से दर्श अमावस्या के दिन चंद्रमा की पूजा लाभकारी मानी जाती हैं इस दिन चांद पूरा दिखाई नहीं देता हैं साथ ही इस दिन व्रत का अपना अलग महत्व होता हैं वही पितृदोष निवारण के लिए यह अमावस्या बहुत ही शुभ और लाभकारी मानी जाती हैं।
वही ज्योतिष के मुताबिक दर्श अमावस्या के विषय में कहा जाता हैं कि इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से मनुष्य के जीवन में व्यवधान नहीं होते हैं और लोगो को बीमारियों से भी छुटकारा मिल जाता हैं ज्योतिष का यह भी कहना हैं कि इस दिन चंद्र दर्शन से भाग्य में वृद्धि होती हैं और जीवन में सुख शांति समृद्धि आती हैं।
जानिए दर्श अमावस्या के लाभ
बता दें, कि दर्श अमावस्या के दिन देवी महालक्ष्मी और श्री हरि विष्णु की पूजा करने से विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। वही ऐसा भी कहा जाता हैं कि अमावस्या के दिन देवी महालक्ष्मी और भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा की जाती हैं।