करवा चौथ का व्रत हर सुहागिन को रखना चाहिए । इससे वैवाहिक जीवन में खुशियां बढ़ती है। और पति-पत्नी का साथ उम्रभर के लिए बना रहता है। करवा चौथ कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाते है। जो इस बार 17 अक्टूबर 2019 को मनाया जाएगा। कार्तिक मास की चतुर्थी को मनाया जाता है करवा चौथ का त्योहार।
इस साल यह त्योहार 17 अक्टूबर को है। इस बार करवा चौथ का महत्व इसलिए और बढ़ रहा है क्योंकि इस साल करवा चौथ पर एक विशेष संयोग बन रहा है। बताया जा रहा है कि यह संयोग 70 साल बाद बन रहा है। इस बार चतुर्थी तिथि 17 अक्टूबर को 6:48 पर चतुर्थी तिथि लग रही है। अगले दिन चतुर्थी तिथि सुबह 7:29 तक रहेगी। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं। इस दिन व्रत में सुबह सरगी खाई जाती है। इस बार उपवास का समय 13 घंटे 56 मिनट का है। सुबह 6:21 से रात 8:18 तक। इसलिए सरगी सुबह 6:21 से पहले ही खा लें।
इस बार के करवा चौथ पूजा मुहूर्त। सायंकाल 5:46 से रात 7:02 बजे तक। चंद्रोदय का समय-सायंकाल 8:16 के बाद। पूजा के लिए शाम के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना कर इसमें करवे रखें। एक थाली में धूप, दीप, चन्दन, रोली, सिन्दूर रखें और घी का दीपक जलाएं। पूजा चांद निकलने के एक घंटे पहले शुरु कर देनी चाहिए। इस दिन महिलाएं एक साथ मिलकर पूजा करती हैं।पूजन के समय करवा चौथ कथा जरूर सुनें या सुनाएं।
चांद को छलनी से देखने के बाद अर्घ्य देकर चन्द्रमा की पूजा करनी चाहिए।चांद को देखने के बाद पति के हाथ से जल पीकर व्रत खोलना चाहिए। इस दिन बहुएं अपनी सास को थाली में मिठाई, फल, मेवे, रूपये आदि देकर उनसे सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद लेती हैं।