नवरात्रि के आठवें दिन देवी महागौरी की पूजा अर्चना की जाती है। देवी का रंग गौर होने के कारण इनका नाम महागौरी पड़ा है। महागौरी की पूजा अर्चना से पूर्व जन्म के पाप नष्ट होते हैं। इसके साथ ही इस जन्म के दुख, दरिद्रता और कष्ट भी मिट जाते हैं। भक्त अपनी सामर्थ्य के अनुसार कन्याओं को दान-दक्षिणा भी दी। इसके अलावा देवी मंदिरों में बने यज्ञकुंड में भक्तों ने आहुतियां डालकर सुख समृद्धि की कामना करते हैअगर आप आर्थिक कष्ट से परेशान हैं, तो मां महागौरी की पूजा आपके आर्थिक कमी की परेशानी को दूर कर सकती है। इसके अलावा महागौरी से मनचाहे विवाह का वरदान भी मिल सकता है। देवी महागौरी की पूजा अर्चना से कुंडली का कमजोर शुक्र मजबूत होता है। इसलिए शादी विवाह में आई हुई परेशानियों को दूर करने के लिए महागौरी का पूजन किया जाता है। महागौरी की पूजा अर्चना से दांपत्य जीवन सुखद होता है साथ ही पारिवारिक कलह क्लेश खत्म होता हैं।
महागौरी की पूजा महाअष्टमी का शुभ मुहूर्त-
5 अक्टूबर सुबह 09:53 बजे से अष्टमी आरम्भ
6 अक्टूबर सुबह 10:56 बजे अष्टमी समाप्त
संध्या पूजा मुहूर्त- सुबह 10:30 बजे से 11:18 बजे तक
मां गौरी की पूजा विधि-
पीले वस्त्र धारण करके पूजा आरंभ करें.
मां के समक्ष दीपक जलाएं और उनका ध्यान करें.
पूजा में मां को श्वेत या पीले फूल अर्पित करें.
उसके बाद इनके मन्त्रों का जाप करें.
अगर पूजा मध्य रात्रि में की जाय तो इसके परिणाम ज्यादा शुभ होंगे.