भक्तों में माता रानी को प्रसन्न करने की होड़ है। यह देवी का कन्या स्वरूप है। देवी भागवत पुराण के अनुसार नवरात्र के छठे दिन मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा की जाती है। अगर सच्चे मन से मां की पूजा की जाए तो वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था। मां कात्यायनी की पूजा छठे दिन पूरे विधि-विधान से की जाती है जो साधक सिद्धियों प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें मां के इस स्वरूप की पूजा करने से बहुत लाभ होता है। आपके जीवन में आने वाली सभी प्रकार की परेशानियों का खात्मा होगा। आपके ऊपर माता संतोषी की उपाधि कब तक रहेगी। आपके जीवन में आने वाली सभी प्रकार की परेशानियों का अंत होगा। आप दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की हासिल करते हुए आगे बढ़ेंगे। आपके सभी प्रकार के कष्टों का निवारण होगा। बार-बार लगातार किया गया प्रयास आपके लिए आनंद दायक रहेगा। मां कात्यायनी दुष्टों का संहार करने वाली हैं और उन्होंने ही महिसाषुर का वध किया। मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और साधक को चारों पुरूषार्थों की प्राप्ति होती है। मां कात्यायनी का वाहन सिंह है और इनकी पूजा करते समय एक खास मंत्र का जाप करने से लाभ होता है, ये मंत्र कौनसा है आइए जानते हैं इसके बारे में
मां कात्यायनी को प्रसन्न करने का मंत्र :-
चंद्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी॥
ये हैं वो भाग्यशाली राशियां मेष राशि, कर्क राशि, कन्या राशि, कुंभ राशि आपके जीवन में आने वाले सभी प्रकार के दुख दर्द समाप्त हो जाएंगे। परिवर्तन सृष्टि का नियम है। समय-समय पर होने वाले परिवर्तन आपके लिए बेहद आनंददायक रहेंगे। आपके जीवन की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। वाहन सावधानी पूर्वक चलाएं। किसी के बहकावे में आकर कोई महत्वपूर्ण फैसला ना करें। आगे बढ़ने की आवश्यकता है। आपके जीवन में आपको अपार सफलताएं मिलने के योग हैं। आपकी सभी प्रकार की परेशानियों का खात्मा होगा। आप नई मिसाल कायम करने में कामयाबी हासिल करेंगे। स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें। वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं।