14 जुलाई की सुबह 6.24 बजे सौर मंडल का सबसे प्रतिष्ठित ग्रह बृहस्पति बारह साल बाद सूर्य के आधिपत्य वाली सिंह राशि में प्रवेश करेगा। यह इस राशि में 11 अगस्त 2016 तक 13 माह सिंह राशि में भ्रमण करेगा।
ज्योतिषाचार्य पं. बालाराम व्यास के अनुसार इस योग से रोजगार बढ़ने के साथ ही शिक्षा और धार्मिक क्षेत्र में उन्नति का असर दिखाई देगा। जबकि सत्ता में न्याय क्षेत्र के लोगों का वर्चस्व रहेगा। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत की साख बढेगी।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार बृहस्पति जब सिंह राशि में प्रवेश करेगा। तब सूर्य मिथुन राशि में रहेगा। दोनों ग्रहों की यह स्थिति शुभ योग निर्मित करने वाली रहेगी। बृहस्पति के सिंह राशि में रहते शिक्षकों की समस्याएं सुलझेंगी और पदोन्नति के अवसर मिलेंगे। जिनकी कुंडली में बृहस्पति की स्थिति अच्छी है, वे विशेष उपलब्धियां अर्जित करेंगे।
ये रहेगा राशियों पर असर
मेष - शिक्षा क्षेत्र में चहुंमुखी विकास।
वृषभ - गृह क्लेश।
मिथुन- पराक्रम में वृद्धि, मित्रों से सहयोग।
कर्क- कार्यक्षेत्र में चहुंमुखी विकास।
सिंह-स्वास्थ्य संबंधी चिंता।
कन्या- व्यय की अधिकता, व्यर्थ के विवाद।
तुला- न्याय क्षेत्र से लाभ।
वृश्चिक- लंबित कार्य पूर्ण होंगे, नई योजनाएं साकार होंगी।
धनु- भाग्य बल से कार्य सिद्धि, गृह में मांगलिक उत्सव होंगे।
मकर- मृत्यु तुल्य कष्ट।
कुंभ - व्यापार में वृद्धि, दांपत्य सुख मिलेगा।
मीन- शत्रु एवं रोग पर व्यय बढ़ेगा।
क्या होता है नवांश काल
किसी भी राशि का नौवें हिस्से का समय नवांश काल कहलाता है। सिंह राशि का नवांश 14 जुलाई से 30 सितंबर तक रहेगा। इस समय मांगलिक कार्य सभी मुहूर्त शास्त्रों में वर्जित माने जाते हैं।
ये करें उपाय
जिन जातकों की राशि के लिए गुरु कष्टकारी है। उन्हें दत्तात्रेय भगवान की उपासना एवं दत्तात्रेय कवच का पाठ, पीपल की पूजा, ब्राह्मण भोजन, मंदिर में चने की दाल, केले का दान एवं गाय को पीली दाल खिलाने जैसे उपाय करें।