सावन का महीना हर महीनों मे सबसे उत्तम महीना माना जाता है। देवो के देव महादेव के इस महीने में पूरे मन से शिव जी की आराधना करने वाले को अच्छा फल मिलता है। पुराणों में भी इस बात को बताया गया है कि सारे महीनों की अपेक्षा सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना करने से महादेव ज्यादा प्रसन्न होते हैं।
सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा के दौरान स्त्रियों को किसी भी प्रकार की ऐसी गलती नहीं करनी चाहिए जिससे भगवान आपसे नाराज हो जाए। इस महीने में घर की बड़ी बुर्जुग महिलाओं को व घर की बहुओं और लड़कियों को व्रत, त्योहार पर श्रृंगार करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जानिए क्या हैं वे बातें....
बिंदी - सावन के महीने में जब भी तैयार हो तो इस बात का ध्यान रखें कि हमेशा लाल या हरी बिंदी ही लगाएं। कभी भी काली बिंदी न लगाएं। बता दें कि भौंहों के बीच कुमकुम से लगाई जाने वाली बिंदी भगवान शिव के तीसरे नेत्र का प्रतीक मानी जाती है। इसलिए सावन के महीने में कभी भी काली बिंदी न लगाएं।
सिंदूर - इस महीने में जब भी अपनी मांग भरे तो याद रखें कि सिंदूर का रंग चटक लाल हो। ऐसा करने से पति की आयु तो लंबी होती ही है साथ ही महादेव भी खुश होते हैं।
मेहंदी - सावन के महीने में मेहंदी का अपना अलग महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि नववधू के हाथों में मेहंदी जितनी गाढ़ी रचती है, उसका पति उसे उतना ही अधिक प्रेम करता है। मेहंदी में महादेव की चित्र बनाने से कई मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
गजरा - सावन के महीने में जब भी सुहागिन स्त्री तैयार हो तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अपने बालों में हरसिंगार के फूलों का गजरा लगाएं। ऐसा करने से महादेव प्रसन्न होते है।
कभी न पहनें काली साड़ी - सावन के महीने में इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कभी भी काली साड़ी न पहनें। शास्त्रों में जिस तरह से लाल रंग को शादीशुदा महिला के जीवन में खुशियां और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, वैसे ही काले रंग को पहनना वर्जित माना गया है। महादेव की पूजा में काले रंग के कपड़ों को पहनना बेहद अशुभ माना जाता है। अगर ऐआप सावन के महीने में भगवान शिव को नाराज नहीं करना चाहते है तो ध्यान रखें कि काले रंग के कपड़ों से दूर रहे।