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Astrology

सावन में करें इस मंत्र का जाप - मिलेगी जल्द ही सफलता

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 18 2019 12:03PM | Updated Date: Jul 18 2019 12:04PM
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सावन का महीना शुरू हो चुका है। अब एक महीने तक अब चारों को शिव के जयकारे सुनाई देंगे। वही अंगूठे से अग्नि,तर्जनी से वायु, मध्यमा से आकाश, अनामिका से पृथ्वी और कनिष्का से जल तत्व का संचार सदैव रहता हैं वही पंचाक्षर में पांच अक्षर भी इन पांच तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं वही न अग्नि, म: वायु, शि आकाश, वा पृथ्वी और य जल तत्व के प्रतिनिधि हैं
 
वही इसलिए आप नम: शिवाय का जाप करते समय सबसे पहले न का मन ही मन उच्चारण करें, उस वक्त अंगूठे पर तर्जनी अंगुली का प्रेशर डालें फिर म का उच्चारण करते समय तर्जनी अंगुली पर अंगूठे का प्रेशर डाले वही शि के उच्चारण के दौरान अंगूठे का प्रशेर मध्यमा अंगुलि पर, वा के उच्चारण के समय अंगूठे से अनामिका पर प्रेशर बनाएं और य के उच्चारण के दौरान अंगूठे से कनिष्का अंगुलि पर प्रेशर डालें। 
वही फिर 'ऊँ' का उच्चारण करते हुए हाथ को इस प्रकार पूरा खोल लें निरंतर ऐसा करते रहने से आपके शरीर में पांच तत्वों के बीच सामन्जस्य बना रहेगा। शरीर का जो भी तत्व असंतुलित हैं वह इस प्रकार के प्रेशर से शरीर की शक्ति को पुन: जागृत कर देगा। जब पांचों तत्व शरीर में संतुलित होंगे तो काया निरोगी रहेगी। 
 
वही मानसिक और शारीरिक कोई भी बीमारी तभी होती हैं जब शरीर में पांच में से किसी तत्व का बैलेंस खराब हो जाता हैं हमारे शरीर में आकाश तत्व मस्तिष्क में, अग्नि तत्व कंधे में, वायु तत्व नाभी में, पृथ्वी तत्व घुटनों में और जल तत्व पांवों के नीचले भाग में स्थित हैं नम: शिवाय के उच्चारण के साथ अंगुलियों पर प्रेशर होने से ये पांचों तत्व सदैव संतुलित रहेंगे। इससे आपकी काय तो निरोगी रहेगी ही साथ ही आपमें पॉजिटिव एनर्जी बनी रहेगी।
 
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