प्रेमी युगल या दंपति के बीच ज्यादा शारीरिक संबंध उन्हें अधिक खुशी नहीं देता, क्योंकि ज्यादा बार संबंध बनाने से उनमें इसके प्रति अरुचि पैदा होने लगती है और इससे आनंद भी नहीं आता।
कार्नेज मेलन विश्वविद्यालय (सीएमयू) के शोधकर्ताओं की एक टीम, जिसमें एक भारतीय मूल के शोधकर्ता भी हैं ने इसका खुलासा किया है। बताया जाता है अधिक बार संबंध बनाने से पहली बार शारीरिक संबंध बनाने के बाद मिलने वाले आनंद और संबंध बनाने की इच्छा में गिरावट शुरू हो जाती है। सीएमयू के इंजिनीयरिंग और लोकनीति विभाग के वैज्ञानिक व इस अध्ययन के शोधकर्ता तमर कृष्णमूर्ति के अनुसार, 'बार-बार शारीरिक संबंध बनाने की बजाय युगल को ऐसा माहौल बनाने की कोशिश करनी चाहिए, जो उनकी इच्छाओं को जगाए। साथ ही उन्हें शारीरिक संबंधों को ज्यादा मजेदार बनाना चाहिए।'
क्या निकला नतीजा
संबंध बनाने की बारंबारता और खुशी के बीच रिश्ते की जांच करने के उद्देश्य से अनुसंधानकर्ताओं ने 128 दंपतियों को अन्य लोगों की अपेक्षा अधिक बार संबंध बनाने के लिए कहा। इसके बाद शोधकर्ताओं ने दोनों समूहों के बीच तीन महीने की अवधि के बाद खुशी का स्तर परखा। जिस समूह के दंपतियों को अधिक बार शरीरिक संबंध बनाने की सलाह दी गई थी, उनमें खुशी में इजाफा होने की बजाय थोड़ी कमी ही हुई।
इस समूह वाले दंपतियों ने संबंध बनाने की इच्छा में कमी और शारीरिक संबंध बनाने के दौरान मिलने वाले आनंद में भी कमी की बात कही. कृष्णमूर्ति ने कहा, 'हालांकि ऐसा नहीं है कि इसकी वजह सीधे-सीधे अधिक बार संबंध बनाना है, बल्कि इसका कारण यह है कि उन्हें ऐसा करने के लिए कहा गया, न कि उन्होंने खुद से ऐसा किया।'
शोध के परिणामों के विपरीत शोधकर्ताओं का मानना है कि कुछ दंपति अपनी भलाई सोचकर बहुत कम संबंध बनाते हैं। शोध पत्रिका 'इकोनॉमिक बिहेवियर एंड ऑर्गेनाइजेशन' के ताजा अंक में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया है कि इसकी बजाय खुश रहने वाले लोगों में शारीरिक संबंध की दर बढ़ सकती है या स्वस्थ रहने वाले लोगों में खुशी और संबंध बनाने की दर दोनों में इजाफा हो सकता है।