हाल में हुए एक अध्ययन में पता चला है कि जिन दंपतियों के बच्चे होते हैं उनका अपना ससुराल वालों से झगड़ा निसंतान दंपत्ति की तुलना में अधिक होता है। फिनलैंड अकादमी के शोधार्थियों ने इस बात का अध्ययन किया कि किस प्रकार से अभिभावक बनना परिवार की पीढ़ियों के बीच झगड़े का कारण बनता है।
इसके लिए शोधार्थियों ने फिनलैंड के 1200 लोगों के डाटा का इस्तेमाल किया। उन्होंने उन झगड़ों का अध्ययन किया जो दंपत्तियों के अपने मातापिता और अपने सास ससुर के साथ हुए। दल ने पाया कि लोगों ने सास ससुर की तुलना में अपने माता-पिता के साथ अधिक झगड़ा होने की बात कही।
शोधर्थियों ने कहा कि निसंतान दंपत्ति की तुलना में संतान वाले दंपत्तियों की अपने मातापिता के साथ झगड़े होते हैं लेकिन अपने ससुरालीजनों से उनके ज्यादा झगड़े होते हैं। अध्ययन में देखा गया कि ये परिजन आपस में कितनी बार मिलते हैं और अपने को भावनात्मक रूप से कितना जुड़ा पाते है।
पहले के अध्ययनों में पाया गया था कि परिवार में पोता-पोती आने के बाद ससुराल वाले एक दूसरे के साथ 'कुटुंभ के जैसे ' ' हो जाते हैं। बुजुर्गों द्वारा बच्चों की देखभाल उनके अभिभावकों को काफी मददबार साबित होती है लेकिन ये ही झगड़े का कारण भी बन सकता है। अकादमी की शोधार्थी मिरका दानियलबाका ने कहा, जब सास बच्चे का ज्यादा ध्यान रखती है तो बहुओं ने ज्यादा झगड़ा होने की शिकायत दर्ज कराई। इस बात से संकेत मिलता है कि इन झगड़ों का कारण पोते पोती के पालन पोषण से जुडा हुआ है।