25 Apr 2024, 16:57:20 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

वैसे तो आजकल के समय में लोगों की सोच लड़का-लड़की को लेकर काफी हद तक खत्म हो चुकी हैं, लेकिन आज भी कुछ जगहें ऐसी हैं, जहां लड़का और लड़की को लेकर काफी भेदभाव होते हैं, लेकिन कोई यह नहीं सोचता है कि लड़का-लड़की की अपनी अलग पहचान होती है। लड़के काफी हिम्मती होते हैं, वहीं महिलाएं कुछ भावुक स्वभाव की होती हैं। कुछ पल ऐसे भी आ जाते हैं, जब लड़कियां सोचने लगती हैं कि काश में लड़का होतीं, तो ये काम चुटकियों में कर देती।  
 
इजाजत न मिले तो...
जब लड़की को अपने दोस्तों के साथ बाहर घूमने के लिए जाना हो और घर से इजाजत न मिले, तो प्रत्येक लड़की के दिमाग में ख्याल आता है, इससे अच्छा तो मैं लड़का होती। आजादी से कहीं घूम-फिर तो सकती। 
 
जल्दी आना...
लड़की के घर से निकलने से पहले ही परिजन उसे कहते हैं कि शाम को टाइम पर घर लौट आना, तो अक्सर लड़की सोचती है कि ऐसा लड़कों के साथ क्यों नहीं होता। 
 
अपनी बात...
अक्सर लड़कियों को सबके सामने अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जाता। अगर वे ऊंची आवाज में बात करती हैं तो उन्हें चुप करवा दिया जाता है। ऐसे मौकों पर लड़कियां सोचती हैं कि इससे अच्छा भगवान मुझे लड़का ही बना देता। 
 
घर की इज्जत...
लड़कियों को कोई भी काम करते समय या कोई फैसला लेने से पहले कहा जाता है, तुम घर की इज्जत हो, इसलिए सोच-समझकर फैसला लेना। 
 
पीरियड के दौरान
पीरिड्स का मौका ऐसा है, जिसमें लड़की को दर्द, चिढ़चिड़ाहट से गुजरना पड़ता है, जो उसके गुस्से का कारण बनता है। उसके मन में लड़का होने का ख्याल आता है। 
 
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