शादीशुदा लोगों के लिए सेक्स शिक्ष की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। इसके अभाव में कई बार उनसे गलतियों हो जाती है। जिसमें से प्रमुख है अनचाहा गर्भ व यौन रोग। सेक्स की सही शिक्षा नहीं मिलने से शादीशुदा लोगों में सुरक्षित यौन संबंधों के बारे में जानकारी नहीं होती है जिसकी वजह से वे यौन रोगों का शिकार हो जाते है। ऐसे में सेक्स शिक्षा ही इसका सबसे बड़ा बचाव है। विश्व के सभी विशेषज्ञों का मानना है कि लड़के-लड़कियों का युवावस्था से पहले ही सेक्स से संबंधित शिक्षा दी जानी चाहिए। युवावस्था के समय यदि लड़के-लड़कियों का सेक्स के बारे मे सही जानकारी दी उन्हें विवाहित जीवन में किसी प्रकार की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता और अपने अधूरे ज्ञान कारण विवाहित जीवन का बर्बाद करने से भी बच जाएगा।
क्यों जरूरी है सेक्स शिक्षा-
भारत में विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष मानी गई है। जब लड़की 18 वर्ष की हो जाती है तो उसे विवाह के योग्य समझकर उसकी शादी कर दी जाती है। लेकिन सेक्स शिक्षा के अभाव में उसे कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्या से लड़ना है। पिछड़े इलाकों में सेक्स शब्द का नाम लेना गलत समझा जाता है जिसकी वजह से लड़कियों का सेक्स सही शिक्षा नहीं मिल पाती है। लेकिन जैसे-जैसे लड़कियां शिक्षित होने लगी है वैसे-वैसे लड़कियों में सेक्स को लेकर फैली अज्ञानता दूर होने लगी है कि महिलाओं के लिए विवाहित जीवन में सेक्स शिक्षा का होना बेहद आवश्य है। यहां तक कि स्त्री-पुरुष दोनों ही इस बात को मानने लगे है कि विवाहित जीवन को सफल और सुखमय बनाने के लिए सेक्स शिक्षा कितना आवश्यक है।
सेक्स शिक्षा के फायदें-
- शादीशुदा लोगों का सेक्स शिक्षा देने से उन्हें अनचाहे गर्भ ही समस्या से बचाया जा सकता है। जिसकी वजह से एबार्शन के मामले बढ़े जा रहे है।
-सेक्स शिक्षा से एचाईवी एड्स जैसे यौन रोगों से बचाव होता है उन्हें कांडम के इस्तेमाल के बारे में बताना चाहिए जिसकी वजह से वे सुरक्षित यौन संबंध के लिए प्रेरित होत है जिससे यौन रोगों से उनकी रक्षा होती है।
- शादीशुदा लोगों को सेक्स शिक्षा देने जनसंख्या वृद्धि रोकी जा सकती है। साथ ही उनको यह भी बताना चाहिए कि बच्चे को अच्छी परवरिश देने के लिए दो ज्यादा बच्चे नहीं होना चाहिए।
- सेक्स शिक्षा के अभाव के चलते लोगों में गलत धारणाएं पैदा होने लगती है। गलत जानकारी होने के कारण उनमें भ्रम और गलतफमियां पैदा हो जाती है। जो जीवन में आगे चलकर परेशानी का कारण बन जाता है।