किशोरावस्था में लड़कियों को सेक्स शिक्षा देना बहुत जरूरी हो जाता है, क्योंकि इस समय लड़कियों के कई लड़के दोस्त होते है जिनके साथ वे स्कूल में ज्यादा समय बिताती है। ऐसे में अक्सर वे दोनों एक दूसरे की तरफ आकर्षित होने लगते है इसलिए उन्हें सेक्स शिक्षा देना बहुत ही जरूरी है। क्योंकि इसके बिना उनसे कई तरह की गलतियां हो सकती है। लड़कियों को सेक्स शिक्षा देने में उनकी माताओं का अहम रोल होता है अक्सर लड़कियां इस उम्र में अपनी मां से हर बात शेयर करती है। जिससे मां को सेक्स शिक्षा देने का मौका मिल जाता है।
एक लड़की का शरीर किशोरावस्था में विकसित होना शुरू हो जाता है, लेकिन वह अपने अंदर होने वाले जैविक व भावनात्मक बदलावों को समझ नहीं पाती है और वो इसका जिक्र सहेलियों से करती है लेकिन वे भी इसी दौरा से गुजरती है इसलिए उनके द्वारा बताई गई बातें उसके समस्याओं को हल नहीं कर पाती है। इस उम्र में लड़कियों को सही गाइडलाइन की जरूरत होती है। जो उन्हें उनके स्कूल व अभिभावक से मिल सकती है।
सही सूचना दें-
लड़कियों को सेक्स की शिक्षा देते समय डरे नहीं उन्हें उनकी समझ के अनुसार समझाने की कोशिश करें। बच्चों को सही बातें बताएं क्योंकि गलत बातों से उनका तो नुकसान होगा ही उनके साथियों का भी जिनसे वे ये बातें शेयर करेंगी।
मासिक धर्म के बारें में बताएं-
लड़कियों को मासिक धर्म के बारें में पूरी जानकारी दें। यह क्या है, क्यों होता है, कब होता है आदि। आपके द्वारा बताई गई बातों से उन्हें इस दौरान होने वाली समस्याओं में मदद मिलती है। लड़कियों जब पहली बार इस समस्या से गुजरती है तो वे काफी परेशान हो जाती है ऐसे में उन्हें आपके प्यार व सहयोग ही जरूरत होती है।