महिलाएं सेक्स के दौरान न सिर्फ आंनद का अनुभव करती है बल्कि सेक्स से उन्हें कई प्रकार के शारीरिक और भावनात्मक लाभ भी होते है, सेक्स से महिलाओं के शारीरिक सरंचना में भी परिर्वतन आता है। सेक्स के दौरान अपने पार्टनर द्वारा मिले शारीरिक और भावनात्मक सर्पोंट से महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ता है यूं तो महिलाओं में हमेशा सेक्स की चाहत होती है, लेकिन मासिक पूरा हो जाने के पांच से सात दिन तक महिलाएं सेक्स के मूड में ज्यादा होती है क्योंकि मासिक चक्र पूरा होने के बाद सेक्स वाले हार्मोंस सक्रिय हो जाते है। महावारी के पांच से सात दिन सेक्स करना ज्यादा ही आंनद की अनुभूति कराता है साथ ही इसका लाभ कम से कम 12 दिनों तक रहता है। महावारी के बाद महिलाओं में सेक्स की तीव्र इच्छा जागृत होना स्वाभाविक है क्योंकि इन दिनों में गर्भधारण की संभावना कम हो जाती। वैसे तो यह शारीरिक जरूरत का एक आम हिस्सा है सेक्स वैवाहिक संबंधों को सुखी बनाता है और भविष्य में दोनों के बीच सेक्स को लेकर दूरियां कभी नहीं आती। आइए इस अर्टिकल के माध्यम से जानें कि महिलाओं को सेक्स से क्या लाभ होते है-
महिलाओं के लिए सेक्स के लाभ-
- यह एक शारीरिक व्यायाम है जो आपको स्वस्थ रहता रखता है जी हां महिलाओं में सेक्स के दौरान से शरीर में कैलोरी का जलन होता है यानी सेक्स शरीर का वजन कम करने में मददगार होता है। इससे महिलाओं का वजन कम होता है।
- सेक्स कई बीमारियों का कम करता है और अन्य बीमारियों संक्रमण से शरीर की प्रतिरक्षा करता है और महिलाओं को स्वस्थ बनाता है।
- सेक्स तनाव को कम करता है और महिलाओं को खुश रखने में मदद करता है।
- महिलाओं में सेक्स रक्तचाप को भी कम करता है सेक्स से रक्तचाप नियंत्रित रहता है और कई प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
- सेक्स दिल को जमबूत बनाता है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों की संभावना कम होती एक सप्ताह में सेक्स दो बार या दो ये अधिक बार सेक्स करने से महिलाओं में घातक दिल के दौरे की संभावना उन महिलाओं के तुलना में कम हो जाती है, जो कम सेक्स करती है।
- सेक्स महिलाओं में आत्मसम्मान को बढ़ाता है।
- सेक्स अंतरंगता और रिश्तों को बेहतर बनाता है वैवाहिक जीवन को मजबूत बनाता है।
- सेक्स करने से कई बीमारियों के दर्द से राहत मिल जाती है, जैसे गठिया, सिर दर्द इत्यादि में सेक्स के बाद कुछ राहत पा सकत है।
- महिलाओं में सेक्स पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। संभोग के दौरान उनकी पेल्विक मांसपेशियों का व्यायाम होता है जिससे महिलाओं में यूरीन असंयम का जोखिम कम हो जाता है।