भारत में स्कूली शिक्षा के साथ ही सेक्स शिक्षा को भी पाठयक्रम में शामिल करने के लिए कदम उठाएं गए, लेकिन आज भी देश के लोगों को सेक्स शिक्षा को अपनाना रास नहीं आया। इसलिए लोगों ने यौन शिक्षा का अच्छा खासा विरोध जताया। किसी भी परिवार या आसपास के लोगों से इस बाबत बातचीत की गई तो किसी ने इसे अच्छा बताया तो किसी ने गलत।
- बदलते भारत के साथ ही कई क्षेत्रों में भी परिवर्तन हुए है, इन्हीं परिवर्तनों के चलते कुछ परिवर्तन सही दिशा में हुए तो कुछ गलत दिशा में। इन्हीं परिवर्तनों के चलते सरकार ने हाल ही के दिनों में शिक्षा में भी अमूल-चूल परिपर्तन करने की कोशिश की।
- इन परिवर्तनों के तहत सरकार स्कूली बच्चों की शिक्षा में छठीं क्लास से सेक्स शिक्षा को भी शामिल करना चाहती है। लेकिन भारत में सेक्स शिक्षा को लेकर खूब बवाल मचाया गया।
- लोगों का मानना है कि स्कूलों में सेक्स शिक्षा होने से भारतीय सभ्यता और संस्कृति पर नकारत्मक असर पडेÞगा।
- क्या आप जानते है आज के समय में सेक्स शिक्षा का बहुत महत्व है। यदि स्कूलों में सेक्स शिक्षा शुरू कर दी जाए। तो इसका किशोरों को पथभ्रष्ट होने से रोका जा सकता है लेकिन इसके लिए जरूरी है बच्चों को यही रूप में पूर्ण सेक्स शिक्षा दी जाए।
- बच्चों को सही उम्र में सेक्स शिक्षा देने से उनके शारीरिक विकास के साथ ही मानसिक विकास भी पूरी तरह से होता है।
- आंकड़ों पर गौर करें तो वर्तमान में 27 से 30 फीसदी होने वाले एबॉर्शन किशोरी लड़कियां करवाती है यदि उन्हें सही रूप में यौन शिक्षा दी जाएगी तो वे गर्भपात के जंजाल से असानी से बच सकती है यानी बिन ब्याहें मां बनने से बच सकती है।
- भारत में सेक्स शिक्षा लागू होने के साथ-साथ अभिभावकों को भी इस ओर जागरूक होना पडेगा और अपने बच्चों को सही उम्र में यौन शिक्षा से सरोकार कराना होगा, तभी सेक्स का सकारात्मक प्रभाव दिखाई पडेगे।