28 Mar 2024, 22:28:01 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

हर मां-बाप की चाहत होती है कि वह अपने बच्चों को सही और बेहतर शिक्षा दें, ताकि वह आगे बढ़ सकें। इसी तरह से जमाने के बदलने के साथ ही हमारी जिंदगी में बहुत से बहलाव आ गए हैं, जैसे कि आजकल बेटियों को बेटों की तरह ही रखा जाता है न कि चार दिवारी में।

आजकल हर क्षेत्र में लड़कियां लड़कों से आगे निकल रही हैं। इनके बावजूद भी हर मां बाप को लड़की की परवरिश करने के लिए ज्यादा चिंतित रहते हैं। मां को बेटी की चिंता थोड़ी अधिक हो जाती है, जैसे कि मां को सबसे ज्यादा उसके रहने, खाने-पीने आदि बातों का ध्यान ज्यादा रखना पड़ता है। इसलिए मां बेटी की अच्छी सहेली बन कर ही उसकी देखभाल करती हैं।  

आने-जाने का समय

बेटी को लेकर हर मां बाप की बहुत सारी जिम्मेदारियां होती हैं, जैसे कि आने-जाने के समय का ध्यान रखना, खान-पान आदि। आपको बेटी के बाहर आने-जाने का समय पता होना चाहिए। ऐसे में अगर बेटी को घर आने में देर हो जाए, तो उसे डांटने की जगह प्यार से पूछें और समझाएं।

पहनावे पर ध्यान दें

अपनी बेटी के पहनावे पर ध्यान जरूर दें। अगर आपकी बेटी स्कूल, कॉलेज या आॅफिस जाती है तो उसे भड़कीले कपड़े न पहनने दें, क्योंकि ऐसे कपड़े पार्टी या फिर किसी आयोजन में ही अच्छे लगते हैं। इसलिए उनके कपड़ों का सही चयन करने में उनकी मदद करें। 

उसका विश्वास बढ़ाएं 

मां को बेटी के साथ एक अच्छी सहेली बन कर रहना चाहिए, ताकि बेटी अपने मन की बात को शेयर कर सकें। बेटी के उस विश्वास या सोच को बढ़ावा दें, जिस में सच्चाई हो साथ ही उसे गलत और सही में फर्क करना सिखाएं। 

सहेलियों की जानकारी 

बेटी के सारी सहेलियों के बारे में जानकारी जरूर रखें। बेटी को सही और बुरी संगत के बारे में बताएं। अगर उसकी संगत बुरी है, तो उसे दूर करने के लिए उसका ध्यान अच्छे काम की और आकर्षित करें।

थोड़ी स्पेस भी दें

हर वक्त बेटी की निगरानी न रखें, उसे थोड़ी स्पेस भी दें। अगर आप उन्हें स्पेस नहीं देंगे, तो उसे लगेगा कि आप उस पर भरोसा नहीं करते हैं और वह आपसे दूर-दूर रहने लगेगी। बेटी को अच्छे-बुरे के बारे में बताएं, सलाह लें लेकिन उस पर अपनी राय न थोपे। ऐसा करना गलत है। उसे अपने फैसले खुद से लेने दें। ऐसा करने से उनकी समझ बढ़ेगी और बिना किसी डर के वह फैसले ले सकती है। अगर वह गलत फैसला लेती है, तो सही फैसला लेने में उसकी मदद करें। 

आगे बढ़ना सिखाएं

बेटी को खुद पर विश्वास करना सिखाएं। उसे स्वार्थी न बनाएं, बल्कि बताएं कि उसे किसी तरह से दूसरों से बर्ताव करना चाहिए। सपनों को पूरा करने के लिए अपने पैरों पर खड़ा होना सिखाएं। बेटी को किसी आदर्श महिला की प्रेरणा दें। ताकि उन्हें देखकर वह भी प्रेरणा लेकर अपने कॅरियर में आगे बढ़ सके। 

 
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